
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में खाद संकट को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई के सीजन में किसानों को डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे प्रदेश भर के किसान भारी संकट में हैं। सरकारी सहकारी समितियों में खाद की भारी किल्लत है और निजी विक्रेताओं द्वारा खुलेआम कालाबाजारी और मुनाफाखोरी की जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि गोंडा, बस्ती, हाथरस, सीतापुर और लखीमपुर खीरी समेत कई जिलों से खाद संकट की खबरें सामने आ रही हैं। किसान सुबह से लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर सहकारी समितियों से खाद लेने पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। स्थिति यह हो गई है कि कई जगहों पर पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज तक किया गया।
उन्होंने लखीमपुर खीरी जनपद के श्रीनगर क्षेत्र की बहुउद्देशीय सहकारी समिति संकर भदूरा का उदाहरण देते हुए कहा कि 16 जुलाई को जब बड़ी संख्या में किसान—जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं—खाद लेने पहुंचे, तो उन्हें खाद नहीं मिली। उल्टा पुलिस ने लाठीचार्ज किया, महिलाओं को पीटा और बेइज्जत किया गया। उन्होंने इस घटना को बेहद शर्मनाक, निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नाकामी और विभागीय लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सहकारी समितियों में खाद का स्टॉक कागजों पर दिखाया जा रहा है, जबकि हकीकत में किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। हाथरस जिले की कई समितियों में डीएपी और यूरिया उपलब्ध नहीं है और गोंडा में सिर्फ तारीखें दी जा रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई है, हर साल खाद का संकट दोहराया जा रहा है। न तो किसानों को खाद समय पर मिल रही है, न बीज, न कीटनाशक, और न बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई भी मंत्री या अधिकारी अब समितियों पर छापा मारे तो भी उसका कोई असर नहीं होता, क्योंकि पूरे सिस्टम को लाचार बना दिया गया है।अखिलेश यादव ने विश्वास जताया कि किसानों को लगातार धोखा देने वाली इस भाजपा सरकार को प्रदेश का किसान 2027 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर कर समाजवादी पार्टी की किसान हितैषी सरकार बनाएगा।