
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र के मूल्यों की अवहेलना करने और चुनावी धांधलियों को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा अब लोकतंत्र का मजाक बना रही है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वोट लूटकर सत्ता में वापसी की थी और आज तक चुनाव आयोग ने उन मामलों की जांच नहीं की, जिनकी शिकायतें खुद समाजवादी पार्टी ने साक्ष्यों सहित दी थीं।
विगत दिवस पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने 18 हजार ऐसे मतदाताओं की सूची चुनाव आयोग को सौंपी थी जिनके नाम 2022 के चुनाव में काट दिए गए थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या में एक बुजुर्ग ने छह बार मतदान किया और मिल्कीपुर, मुरादाबाद, कुंदरकी, मीरापुर जैसी जगहों पर मतदान में गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुईं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आगामी चुनावों में सतर्क और सजग रहें।
भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार की योजनाओं में स्कूल और शिक्षा कहीं नहीं हैं। बच्चों को स्कूल भेजा गया तो वहां ताले लटके मिले। पोलिंग बूथ जानबूझकर दूर बनाए जा रहे हैं ताकि मतदाता परेशान हों और मतदान प्रतिशत कम हो।भाजपा द्वारा कराए जा रहे वृक्षारोपण को उन्होंने एक और ‘इवेंट’ बताते हुए तंज कसा कि सरकार कहती है 200 करोड़ वृक्ष लगाए जाएंगे, जबकि वास्तविकता में एक हजार एकड़ ज़मीन में ही एक लाख चौबीस हजार पेड़ लगाए जा सकते हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि समाजवादी सरकार के दौरान पारिजात, बरगद और मौसमी फलों के पौधे लगाए गए थे, और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरियाली का उदाहरण आज भी मौजूद है।अखिलेश यादव ने कहा कि गुजरात मॉडल पूरी तरह से धोखा है। वहाँ पुल गिर रहे हैं, आउटसोर्स कंपनियां बदलती रहती हैं और संविदाकर्मी लगातार शोषण झेल रहे हैं। भाजपा सरकार में मंत्री और अधिकारी तक आपसी मतभेदों में उलझे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार बनने पर प्रदेश में विकास के रास्ते खुलेंगे, किसानों और युवाओं को न्याय मिलेगा और हर वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार सुनिश्चित होगा। उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव को निर्णायक बताते हुए कहा कि इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना होगा।प्रेसवार्ता में मौजूद सिद्धार्थनगर निवासी राकेश यादव ने बताया कि 2022 के चुनाव में उनके पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था। चुनाव आयोग और जिलाधिकारी से गुहार लगाने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। अंततः समाजवादी पार्टी के प्रयासों से एफआईआर दर्ज हुई और अब जाकर उनका नाम पुनः सूची में दर्ज हुआ है।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार और पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने यश भारती सम्मान की समाप्ति पर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सम्मान समाज के प्रत्येक वर्ग की रचनात्मकता को पहचान देने वाला था, जिसे मुलायम सिंह यादव ने शुरू किया था और अखिलेश यादव ने उसे विस्तार दिया था। उन्होंने मांग की कि समाजवादी सरकार आने पर यह सम्मान पुनः शुरू किया जाए।
अखिलेश यादव ने वादा किया कि समाजवादी सरकार बनते ही यश भारती सम्मान को फिर से शुरू किया जाएगा और सम्मानित लोगों को पेंशन देने की परंपरा भी बहाल की जाएगी।इस प्रेस वार्ता में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, सांसद रमाशंकर राजभर, पूर्व सांसद रामसागर अकेला, वरिष्ठ नेता डॉ. राजपाल कश्यप, प्रो. सुधीर पंवार सहित कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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