
बल्दीराय/सुलतानपुर। बाल विकास विभाग पर सरकार बच्चों को कुपोषण मुक्त व शिक्षित करने के लिए हर वर्ष लाखों रुपए खर्च कर रही है लेकिन विभाग की सुस्ती के चलते सिर्फ कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई है। यहां बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच करने नहीं जाते हैं कि वहां क्या चल रहा है, केंद्र खुला है कि बंद ही रहता है जिसके चलते जमीनी धरातल पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आम जनमानस तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती नजर आ रही है।
मामला बल्दीराय विकासखंड के ग्राम पंचायत चक शिवपुर आंगनबाड़ी केंद्र का है। जहां आंगनबाड़ी केंद्र कभी कभार खुलता है जिसके चलते यहां आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे नहीं पढ़ पा रहे है। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण बच्चों को पुष्टाहार भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे बच्चे कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं। चकशिवपुर आंगनबाड़ी केंद्र महज कागजों में ही चलता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि आए दिन आंगनबाड़ी कार्यकत्री शशिकला वर्मा व सहायिका मीना यादव आंगनबाड़ी केंद्र कभी नहीं खोलते हैं। लिहाजा आए दिन आंगनबाड़ी केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है। अब जाहिर सी बात यह है कि आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलने से जिन बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में हुआ है उन नौनिहाल बच्चों के भविष्य पर जिम्मेदार ताला लगाने का काम कर रहे हैं, चक शिवपुर आंगनबाड़ी केंद्र धरातल पर नहीं सिर्फ कागजी आंकड़ों में चल रहा है।
चकशिवपुर कार्यकत्री शशि कला वर्मा व सहायिका मीना यादव की मनमानी से गांव के लोग अजीज आ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मेरे गांव का आंगनबाड़ी केंद्र कभी कभार खुलता है जब कोई अधिकारी के आने की सूचना उन लोगों को मिल जाती है। उस दिन केवल केंद्र पर यह लोग दिखाई देते हैं और केवल कोरम पूर्ति कर चले जाते हैं और यहां पर पुष्टाहार भी नियमित नहीं बंटता है। अब देखना यह होगा कि यह आंगनबाड़ी केंद्र कब तक इसी तरह मनमानी चलता रहेगा और नौनिहाल बच्चों के साथ खिलवाड़ होता रहेगा।