
बस्ती। रोडवेज, अमहट और रेलवे स्टेशन के आसपास रात में सड़क से लेकर पटरी तक शराब का कारोबार चल है। शाम ढलने के साथ ठेले, गुमटी और टीनशेड के आसपास शौकीनों का डेरा जम जा रहा है। कुछ जगह बार की तर्ज पर बैठने के इंतजाम हैं तो कुछ जगहों पर ठेले पर सिर्फ चखना, गिलास, पानी की व्यवस्था है। बदले हुए नजारा में इन जगहों से शरीफों का निकलना दुश्वार हैं। लोग मुंह फेरते हुए सड़क की पटरी बदलकर चलने को मजबूर हैं।
रात होते ही शहर के प्रमुख चौराहों पर महफिल रंगीन हो जा रही है। यह सब पुलिस की पहरेदारी में हो रहा हैं लेकिन, धंधेबाजों की सेटिंग ऐसी कि कहीं कोई टोका-टाकी नहीं है। सड़क के किनारे खुलेआम शराब की बोतलें खुल रहीं हैं। बार जैसा नजारा सड़क किनारे खुले में ही नजर आ रहा है। खाकी वर्दी वाले आते- जाते हैं। धंधेबाजों की तगड़ी सलामी के आगे वह कुछ बोल नहीं पाते।
जानकार बताते हैं खुले में अवैध बार चलाने के लिए प्रतिमाह चढ़ावा चढ़ाया जाता है। यहीं वजह है कि जिम्मेदारों की मौन सहमति रहती है।
शाम छह बजे से रात 12 बजे तक शौकीनों को खुश करने लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। इसके बदले धंधेबाजों की अच्छी कमाई हो रही है। जानकार बताते हैं कि शराब की दुकान रात दस बजे बंद होने के बाद चखना की दुकानों के माध्यम से अधिक मूल्य पर यहां शराब भी उपलब्ध हो जाती है। इसमें दुकानदारों की मिलीभगत है।
रेलवे स्टेशन: काली मंदिर के बगल रेलवे स्टेशन रोड पर गली में शराबियों का अड्डा बना हुआ है, जहां आए दिन विवाद होता रहता है। वहां रहने वाले लोग बताते हैं कि यहां रहना मुश्किल हो गया है। साथ ही काली मंदिर होने के बावजूद शराब और मीट की दुकान चल रही है जबकि सरकारी नियमानुसार स्कूलों और मंदिरों के पास से शराब की दुकानों के लिए 500 मीटर की सीमा तय की गई है।
रोडवेज : पुलिस बूथ से डाकखाने तक सड़क पर दुकानें – रोडवेज पर स्थिति और खराब हैं। पुलिस बूथ से लेकर डाकघर तक बीएसएनएल चहारदीवारी से सटकर गुमटियां रखी गईं हैं। इसके आगे सड़क तक अंडा, मुर्गा, चाट, मूंगफली आदि के ठेले दोनों तरफ सज रहे हैं। यहां अंग्रेजी, बीयर और देशी शराब की दुकान लाइन से संचालित हैं। इन दुकानों के अगल- बगल रेस्टोरेंट की आड़ में बार संचालित किया जा रहा है। कुछ दुकानों पर तो सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में महफिल गुलजार हो रही है। नशे में धुत लोग अक्सर यहां हुड़दंग करते रहते हैं।
शहरी क्षेत्र में चार बार, दो मॉडल शाप : शहरी क्षेत्र में अधिकृत रूप से चार बार और दो मॉडल शाॅप ही संचालित है। इसके अलावा 91 देसी मदिरा की दुकान और 35 विदेशी मदिरा और 42 बीयर की दुकानें हैं। मगर यहां ठेले गुमटी पर भी मॉडल शाॅप और बार चल रहा है।