
•पोषण वाटिका में वृक्षारोपण कर छात्रों ने दिया स्वास्थ्य संरक्षण का संदेश।
•कार्यक्रम से छात्रों ने सीखी कुपोषण से लड़ने और स्वस्थ जीवन अपनाने की सीख।
•डॉ. अंजलि का व्याख्यान – ‘‘बेहतर जीवन के लिए सही भोजन करें’’
•संतुलित एवं पोषक आहार को बताया शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी।
•वैज्ञानिक आर.वी. सिंह ने पोषण वाटिका को बताया ताज़ा और सुरक्षित भोजन का माध्यम
बस्ती। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 (1 से 7 सितम्बर) के अवसर पर 02 सितम्बर 2025 को रामधनी सिंह नोहरा देवी राजकीय महाविद्यालय, गढ़ा गौतम में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बस्ती के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. द्विवेदी, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन महाविद्यालय की गृह विज्ञान की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूनम मौर्य द्वारा किया गया। उनके मार्गदर्शन में पोषण वाटिका में वृक्षारोपण भी किया गया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और पौधरोपण किया। केवीके बस्ती की वैज्ञानिक डॉ. अंजलि ने ‘‘बेहतर जीवन के लिए सही भोजन करें‘‘ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि संतुलित एवं पोषक आहार का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने दैनिक भोजन में विविधता, मौसमी फलों और सब्जियों के सेवन, तथा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी। डॉ. अंजलि ने यह भी बताया कि जागरूकता ही कुपोषण से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है, और हमें अपने परिवार एवं समुदाय में पोषण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।
इसके उपरांत वैज्ञानिक (कृषि प्रसार) आर. वी. सिंह ने अपने व्याख्यान में बताया कि पोषण वाटिका (किचन गार्डन) हमारे घरों में सुलभ, ताज़ा एवं रासायन-मुक्त सब्ज़ियाँ और फल प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम है। इससे न केवल पोषण स्तर सुधरता है, बल्कि घर की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपने घरों में छोटी जगहों में भी पोषण वाटिका लगाकर संतुलित आहार की दिशा में एक प्रभावी कदम उठा सकते हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं आमजन को पोषण, स्वास्थ्य और जीवनशैली के प्रति सजग बनाना रहा, जो सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ। छात्रों ने कार्यक्रम के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन से उन्हें संतुलित आहार, पोषण वाटिका की उपयोगिता तथा कुपोषण की रोकथाम के विषय में उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई। विद्यार्थियों ने ऐसे कार्यक्रमों को अपने जीवन में बेहद लाभकारी और प्रेरणादायक बताया।