
लखनऊ। आगामी छठ पर्व को देखते हुए नगर आयुक्त गौरव कुमार ने गुरुवार को शहर के प्रमुख घाटों लक्ष्मण मेला घाट, झूलेलाल वाटिका घाट, संझिया घाट और कुड़िया घाट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान नगर निगम के चीफ इंजीनियर (आरआर), संबंधित जोनल अधिकारी, अभियंत्रण विभाग के अभियंता सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, वेस्ट मैनेजमेंट और सौंदर्यीकरण की तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी घाटों पर समुचित बैरिकेडिंग, पेड़ों की छंटाई और घास की कटिंग का कार्य समय से पूरा कराया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।नगर आयुक्त ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि गोमती नदी में गिरने वाले नालों पर जाल लगाकर कचरे को रोका जाए और फ्लोटिंग पदार्थों को हटाने के लिए नावों पर श्रमिकों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि छठ पर्व के दौरान घाटों की स्वच्छता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर है, इसलिए सभी अधिकारी पूरी मुस्तैदी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
उन्होंने घाटों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, डस्टबिन, पेयजल और शौचालय की सुविधाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने कहा कि छठ पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सभी तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो।
नागरिकों से अपील करते हुए गौरव कुमार ने कहा, “गोमती को स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। मूर्तियों या पूजन सामग्री को नदी में प्रवाहित करने से जल प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य दोनों प्रभावित होते हैं।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस विषय में जनजागरूकता अभियान चलाया जाए, सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाएं और लोगों को गोमती को प्रदूषित न करने के लिए प्रेरित किया जाए।
नगर निगम ने घाटों पर अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती, कचरा उठाने के लिए विशेष वाहन तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया दल की व्यवस्था की है। साथ ही, सीएनडी वेस्ट के निस्तारण और पुनर्चक्रण की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
अंत में नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि नगर निगम लखनऊ का लक्ष्य है कि छठ पर्व स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल तरीके से सम्पन्न हो। उन्होंने सभी अधिकारियों को सतर्कता और समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।