
•हजारों स्कूल बंद कर बच्चों के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़, समाजवादी पार्टी देगी जवाब।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का फैसला शिक्षा विरोधी है और गरीब बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने की साजिश है।
अखिलेश यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने पर तुली है। प्रदेश में दस हजार से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का निर्णय यह दिखाता है कि सरकार को बच्चों की शिक्षा की चिंता नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा प्रचार में अरबों रुपये खर्च करती है लेकिन स्कूल चलाने के लिए उसके पास फंड नहीं है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में गरीब और पिछड़े परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, और स्कूलों को बंद करना उन्हीं को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश है। विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा पर इसका गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि गांव की बच्चियों के लिए दूर-दराज स्कूलों तक पहुँचना संभव नहीं होता।
उन्होंने कहा कि भाजपा का एजेंडा कभी भी शिक्षा, नौकरी और रोजगार नहीं रहा है। भाजपा चाहती है कि गरीब, दलित, पिछड़े और आम लोग पढ़-लिख न सकें ताकि वे सरकार से सवाल न पूछें। भाजपा सवालों से डरती है और इसलिए लोगों को शिक्षित करने की बजाय उन्हें जानबूझकर अशिक्षित बनाए रखना चाहती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सिर्फ इवेंट करती है, असली कामों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दे भाजपा की प्राथमिकता में नहीं हैं।उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश की जागरूक जनता भाजपा की इस साजिश को समझ रही है। उन्होंने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाएगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सपा सरकार बनने पर प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक हर स्तर पर सुधार होगा और गुणवत्तापूर्ण, रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा ताकि छात्रों और युवाओं का भविष्य उज्ज्वल बन सके।
अखिलेश यादव ने दोहराया कि समाजवादी पार्टी शिक्षा को अधिकार नहीं, अवसर मानती है और इसी सोच के साथ पूरे प्रदेश में शिक्षा का विस्तार करेगी।