
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में दलित, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक, किसान और नौजवान हर कोई उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। प्रदेश भर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं खंडित की जा रही हैं और संविधान की मूल भावना पर बार-बार हमला किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में संविधान की रक्षा करने वाले लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि प्रभुत्ववादी शक्तियां बाबा साहब की लोकप्रियता और उनके संविधान को आज भी स्वीकार नहीं कर पा रही हैं।अखिलेश यादव ने वक्फ कानून को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार इस कानून के जरिए मुसलमानों की जमीनें छीनना चाहती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा छीनने वाली पार्टी है—इसने नोटबंदी कर जनता की पूंजी छीनी, आरक्षण खत्म कर दलित-पिछड़ों का अधिकार छीना, एंग्लो इंडियन समुदाय से राजनीतिक प्रतिनिधित्व छीना और अब यह जमीनों पर नजर गड़ाए बैठी है। उन्होंने दोहराया कि समाजवादी पार्टी ने वक्फ कानून का संसद में विरोध किया था और आगे भी करती रहेगी।प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं, गरीब अपनी बेटियों की शादी में गहना नहीं दे पा रहा। भाजपा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में एक यूनिट भी बिजली का उत्पादन नहीं बढ़ाया, लेकिन दाम ज़रूर बढ़ा दिए। जो भी बिजली परियोजनाएं आज बन रही हैं, वे सब समाजवादी सरकार की देन हैं—चाहे कानपुर और एटा के पावर प्लांट हों या मेट्रो परियोजनाएं।
उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो को भाजपा सरकार एक इंच भी आगे नहीं बढ़ा पाई, और वाराणसी में तो काम शुरू भी नहीं हुआ।पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस थानों में पोस्टिंग जातिगत आधार पर की जा रही है। उन्होंने चित्रकूट, महोबा, प्रयागराज, आगरा और मैनपुरी जैसे जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि थानों में 90 फीसदी पोस्टिंग एक ही जाति के लोगों की है, जो पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि जब समाजवादी पार्टी ने यह आंकड़े सरकारी वेबसाइट से उठाकर जारी किए तो सरकार ने वेबसाइट ही बंद कर दी।सरकार की ‘जीरो पावर्टी’ योजना पर भी उन्होंने कटाक्ष किया और कहा कि अगर 15 करोड़ लोग यूपी में और 80 करोड़ देश में सरकार से मुफ्त राशन ले रहे हैं, तो सरकार बताए कि इनकी प्रति व्यक्ति आय क्या है?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को खुद भी नहीं पता कि ‘जीरो पावर्टी’ शब्द का क्या अर्थ है—उन्हें अधिकारियों ने बस एक शब्द पकड़ा दिया और वे उसे दोहराते जा रहे हैं।अखिलेश यादव ने समाजवादी युवजन सभा की बैठक के बाद कहा कि यह युवा संगठन समाजवादी पार्टी की आत्मा है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे गांव-गांव, गली-गली जाकर भाजपा सरकार की नाकामियों और समाजवादी पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुँचाएं।
उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना, शिक्षामित्रों, आशा बहनों और 69000 शिक्षक भर्ती में दलित-पिछड़ों के आरक्षण से वंचित किए जाने जैसे फैसले युवाओं के साथ घोर अन्याय हैं।पर्व मुख्यमंत्री ने शिक्षा व्यवस्था में लगातार हो रहे निजीकरण पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ा रही है ताकि गांव और गरीब के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे शैक्षिक ढांचे में विचारधारा के आधार पर नियुक्तियां हो रही हैं, जिससे मेरिट और निष्पक्षता को नुकसान पहुंचा है।मुद्रा योजना को लेकर भी उन्होंने सरकार पर हमला बोला और कहा कि अगर वाकई 33 लाख करोड़ रुपये 52 करोड़ खातों में भेजे गए हैं, तो बेरोजगारी खत्म क्यों नहीं हुई?
उन्होंने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी से सच नहीं छिपाया जा सकता—हकीकत यही है कि भाजपा सरकार में युवाओं के पास नौकरी नहीं, किसान के पास राहत नहीं, और गरीब के पास उम्मीद नहीं बची है।अंत में उन्होंने दोहराया कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पीडीए की सरकार बनाएगी और युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।