
प्रयागराज। प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के पास से बड़ी तादाद में नकद मिला है। यही नहीं, अली की सेल में कई प्रतिबंधित सामान भी मिले हैं। पकड़ी गई नकदी ₹1100 बताई जाती है जबकि जेल सूत्रों की माने तो यह रकम डेढ़ लाख से ऊपर है।
इसके बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने डिप्टी जेलर शांति देवी और एक वॉर्डन संजय द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज जिला कोर्ट में सरेंडर किया था। तब से वह नैनी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। जेल में उससे कोई मिलने नहीं जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार सेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी डिप्टी जेलर शांति देवी और वॉर्डन संजय द्विवेदी की थी। मंगलवार देर शाम एक वकील अली अहमद से मुलाकात के लिए जेल पहुंचा। उसने जेब से 1100 रुपए निकालकर जेल वॉर्डन संजय द्विवेदी को पकड़ा दिए।
इसके बाद जेल वॉर्डन ने सेल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे के सामने ही रुपयों को गिनकर अली को दे दिए। पूरी घटना लखनऊ मुख्यालय से सीसीटीवी से देखी जा रही थी। सीसीटीवी देखकर डीजी जेल ने तत्काल डीआईजी राजेश श्रीवास्तव को मामले की जांच करने के आदेश दिए।
डीआईजी जेल ने सेल की सुरक्षा में लगी डिप्टी जेलर शांति देवी और जेल वॉर्डन संजय द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच का निर्देश दिया गया है।
वहीं, इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने बताया कि अली अहमद से मुलाकात के लिए एक वकील आया था। उसने अली को देने के लिए 1100 रुपए जेल वॉर्डन को दिए। नियम के मुताबिक, जो पैसे दिए गए उसके बदले में अली को जेल से कूपन लेना चाहिए था। लेकिन कूपन न लेकर उसने वह पैसे अपने पास रख लिए। कैदियों की रोज की जरूरत के लिए कूपन मिलते हैं, जिससे वह अपनी जरूरत का सामान ले सकते हैं। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। हालांकि, जेल प्रशासन मामले को दबाए रहा। गुरुवार सुबह यह मामला सामने आया।
ज्ञात हो कि माफिया अतीक का बड़ा बेटा उमर अली लखनऊ जेल में बंद है। दूसरा बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में है। जबकि तीसरे नंबर के बेटे असद का एनकाउंटर हो गया था। वहीं दो बेटे अहजम और अबान प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे हैं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक के आईएस – 227 गैंग के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया था। इसमें गैंग के 200 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा गया था। इनमें 60 से ज्यादा गैंग मेंबर नैनी जेल में बंद है।
अली ने बैरक में टीवी की सुविधा मुहैया कराने की मांग की थी। ताकि उसे देश-दुनिया के बारे में जानकारी मिल सके। अली ने अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में अर्जी देकर यह मांग की थी। जिस पर जेल प्रशासन की ओर से जेल मैनुअल का हवाला देते हुए जवाब भी दाखिल किया गया था। इस पर जेल प्रशासन का कहना है कि जेल मैनुअल के मुताबिक, बैरक में टीवी नहीं लगाई जा सकती है।
अली अहमद उमेश पाल शूटआउट केस में आरोपी है। नैनी सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में अली अहमद की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है। कुछ समय पहले ही पुलिस ने अली अहमद को अतीक अहमद के गैंग आईएस 227 का गैंग लीडर घोषित किया है।