लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां डीएवी कॉलेज प्रांगण में श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 556वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और गुरु नानक देव जी को नमन करते हुए प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का सरोपा और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी महाराज भारत के उच्च कोटि के आध्यात्मिक महापुरुष थे, जिन्होंने 500 वर्ष पूर्व समाज को संगठन, समानता और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने जो मार्गदर्शन उस समय समाज को दिया था, वही आज भारत की सुदृढ़ सामाजिक और आध्यात्मिक व्यवस्था की नींव है। यह दिवस सिख गुरुओं और क्रांतिकारियों के अद्भुत त्याग व बलिदान को नमन करने का प्रेरणादायक अवसर है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने समाज को “मिल बांट कर खाने” और “गरीबों को अन्नदान” करने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव की यात्राओं के माध्यम से सेवा, समरसता और समानता का संदेश आज भी देशभर के पवित्र गुरुद्वारों में जीवंत है। मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव और काबा की ऐतिहासिक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका आध्यात्मिक दृष्टिकोण इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर सर्वव्यापी है और उसका निवास हर दिशा में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं और सिद्धियां यह दर्शाती हैं कि भारत संतों और महापुरुषों की भूमि है, जिन्होंने समाज को एकता और शक्ति प्रदान की। जब देश पर विदेशी आक्रांताओं का अत्याचार था, जब मंदिर तोड़े जा रहे थे और महिलाएं असुरक्षित थीं, तब गुरु नानक देव ने निर्भीक होकर बाबर जैसे अत्याचारियों को ललकारा।
उन्होंने केवल अपने आध्यात्मिक ज्ञान के बल पर समाज को सही दिशा दिखाई और धर्म की रक्षा की।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सम्पूर्ण सिख पंथ गुरु नानक देव की इसी मजबूत आध्यात्मिक नींव पर खड़ा है, जिसका तेजस्वी रूप हमें दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज में देखने को मिलता है।
उन्होंने सिख पंथ के अनुयायियों को सावधान करते हुए कहा कि पंजाब के कुछ क्षेत्रों में धर्मांतरण की घटनाएं चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि पहले हर सिख परिवार का एक सदस्य सिख पंथ के लिए समर्पित रहता था, लेकिन आज यदि कोई इस परंपरा से दूर जा रहा है, तो यह पीड़ा की बात है। ऐसी प्रवृत्तियों को सख्ती से रोकना होगा और यदि कहीं कोई कमी है तो आत्ममंथन कर सुधार लाना होगा।
मुख्यमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित खालसा पंथ का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जाति-पांति के भेद को मिटाकर पंच प्यारों के रूप में समाज को एक नई पहचान दी। उन्होंने संगठन की शक्ति और सामाजिक एकता का जो संदेश दिया, वह आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाज विभाजित होता है, तभी विदेशी ताकतें अवसर तलाशती हैं, इसलिए हमें एकजुट रहना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रहने वाले सिख बंधुओं को लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, रामपुर, शाहजहांपुर और उधम सिंह नगर जैसे क्षेत्रों में सामाजिक एकजुटता को और मजबूत करना चाहिए। यदि सिख गुरुओं की शिक्षाओं को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाना है, तो संस्थाओं और संगठनों को सशक्त बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि जब समाज सशक्त और आत्मनिर्भर होगा, तब उसकी आस्था का हर कोई सम्मान करेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह वर्ष गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वीं शहादत वर्षगांठ का वर्ष है, जिसे देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के आदर्श आज भी राष्ट्र के एकता, साहस और सेवा के प्रतीक बने हुए हैं, और उनका जीवन देश के लिए सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
