
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सचिवालय स्थित तिलक हाल में माध्यमिक शिक्षा विभाग के नागरिक घोषणा-पत्र का विमोचन किया। इस घोषणा-पत्र के तहत शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सेवाओं के निस्तारण की स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की गई है, जिससे विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
मंत्री गुलाब देवी ने इसे माध्यमिक शिक्षा में अनुशासित कार्य-संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस घोषणा-पत्र के माध्यम से जनहित से जुड़ी आवश्यक सेवाओं को चिह्नित कर उनकी समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के सेवा-सम्बंधी मामलों जैसे अवकाश, पेंशन, प्रोन्नति, वेतनमान, जीपीएफ और मृतक आश्रित नियुक्तियों के निस्तारण की भी एक निश्चित समय-सीमा तय की गई है।
प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप इस घोषणा-पत्र से त्वरित, पारदर्शी, सुगम, जवाबदेही और जनहितैषी प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसकी कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।
घोषणा-पत्र के तहत यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण नहीं किया जाता है, तो अपीलीय अधिकारी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कार्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे आवेदकों को किसी भी समस्या के समाधान में सुविधा मिल सके।
इस घोषणा-पत्र में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद और उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों से संबंधित परीक्षा, प्रमाणपत्र एवं अन्य प्रक्रियाओं के निस्तारण की भी एक निश्चित समय-सीमा तय की गई है। पुस्तकालय अनुभाग एवं शिविर कार्यालय से जुड़ी सेवाओं को भी समयबद्ध रूप से निपटाने की व्यवस्था की गई है।
राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश अब ‘मानव संपदा पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे। इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और शिक्षकों को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सकेगा।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के.के. गुप्ता, आलोक कुमार, उमेश चंद्र, निदेशक डॉ. महेंद्र देव, अपर निदेशक अजय कुमार द्विवेदी, संयुक्त निदेशक विष्णुकांत पांडेय, प्रदीप कुमार, उप निदेशक विवेक नौटियाल सहित वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।