नई दिल्ली। सी.पी. राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने सीधे मुकाबले में विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस (सेवानिवृत्त) सुदर्शन रेड्डी को हराया। चुनाव में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी 300 वोट ही प्राप्त कर सके। वे तमिलनाडु से 38 साल बाद उपराष्ट्रपति बनने वाले दूसरे नेता हैं। यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से दिए गए अचानक इस्तीफे के बाद करवाना पड़ा। नतीजों की घोषणा रिटर्निंग ऑफिसर एवं राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
इंडी गठबंधन को रणनीति में हार का सामना
रिटर्निंग ऑफिसर के मुताबिक कुल 767 सांसदों ने मतदान किया। इसमें से 752 वोट वैध और 15 अमान्य घोषित किए गए। राधाकृष्णन को 452 वैध वोट हासिल हुए, जबकि विपक्ष को 300 वोट मिले। पहली वरीयता में ही जरूरी बहुमत मिलने के कारण उन्हें विजेता घोषित किया गया।
नए उपराष्ट्रपति का पूरा नाम
सी.पी. राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है। वे तमिलनाडु के प्रभावशाली ओबीसी समुदाय गौंडर-कोंगु वेल्लाला से आते हैं। उनका राजनीतिक सफर संघ परिवार से शुरू हुआ और वे लंबे समय से बीजेपी के प्रमुख चेहरे बने हुए हैं। तमिलनाडु में पार्टी को खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार खोजते समय राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।
राजनीतिक यात्रा और निजी जीवन
राधाकृष्णन ने 17 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़कर राजनीति की शुरुआत की। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी रहे। 1998 और 1999 में वे दो बार कोयंबटूर से सांसद चुने गए। हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें कोयंबटूर से टिकट मिला, लेकिन वे हार गए। राजनीति से पहले वे एक अच्छे खिलाड़ी थे—कॉलेज में लॉन्ग डिस्टेंस रनिंग और टेबल टेनिस में चैम्पियन रहे। क्रिकेट और वॉलीबॉल भी खेला करते थे। इसके अलावा वे निटेड कॉटन एक्सपोर्ट का कारोबार भी करते थे।
