नई दिल्ली। क्रिकेटर मोहम्मद शमी से अलग रह रहीं पत्नी हसीन जहां की गुजारा भत्ता बढाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और क्रिकेटर मोहम्मद शमी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले पर चार हफ्तों में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई चार हफ्तों के बाद होगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रति महीने हसीन जहां को डेढ़ लाख रुपए और बेटी के लिए ढाई लाख रुपए गुजारा भत्ता दिए जाने का आदेश दिया था, जिसके बाद हसीन जहां ने क्रिकेटर शमी से मिल रहे गुजारा भत्ते को बढ़ाने की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्टमें चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जो गुजारा भत्ता तय किया है वो उचित ही लगता है।
10 लाख रुपये गुजारा भत्ते की मांग
याचिका में मांग की गई है कि प्रतिवादी पति को निर्देश दिया जाए कि वह याचिकाकर्ता पत्नी को 7,00,000 लाख हर महीने और नाबालिग बेटी को 3,00,000 लाख रुपये हर महीने अंतरिम भरण-पोषण राशि दे।
मोहम्मद शमी ने साल 2014 में हसीन जहां के साथ निकाह किया था। करीब 4 साल बाद साल 2018 में हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद से दोनों अलग हो गए। इसके बाद इंस्टाग्राम पोस्ट में हसीन जहां ने शमी को ‘चरित्रहीन, लालची और मतलबी’ कहा था। एक शो के दौरान मोहम्मद शमी ने अपनी निजी जिंदगी को लेकर कहा था कि कोई भी अपने घर में झगड़ा नहीं चाहता, खासकर तब, जब अपने देश की सेवा कर रहा हो। शमी ने स्पष्ट तौर पर कहाथा कि बीते वर्षों में उन पर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, वह कुछ अपराधियों पर लगने वाले आरोपों से कहीं ज्यादा हैं।
मोहम्मद शमी मार्च 2025 के बाद से भारतीय टीम में नहीं खेले हैं। उन्होंने अपना पिछला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला 9 मार्च को न्यूजीलैंड के विरुद्ध खेला था। फिलहाल शमी घरेलू मुकाबलों में खुद को साबित कर रहे हैं। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में उत्तराखंड के खिलाफ 7 विकेट लेने के बाद गुजरात के विरुद्ध 8 विकेट हासिल किए हैं। फैंस को जल्द उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने का इंतजार है।
00
