
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के थाना महानगर क्षेत्र में सफाई कंपनी की लोडर गाड़ी से हुए दर्दनाक हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई थी। इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने फरार चल रहे आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया है। घटना ने न केवल कार्यस्थलों पर श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्थानीय स्वच्छता अभियान की निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
घटना 19 जून की रात करीब 9:40 बजे हुई थी, जब एलएसए (लखनऊ स्वच्छता अभियान) कंपनी की कूड़ा उठाने वाली लोडर गाड़ी (UP32 WN 2613) कूड़ाघर में कूड़ा डालने का कार्य कर रही थी। उसी दौरान राजू वर्मा नामक मजदूर भी वहां मौजूद था, जो एलएसए कंपनी में मजदूरी करता था और सुपरवाइजर अमित रावत के अधीन कार्यरत था। बताया जा रहा है कि लोडर गाड़ी चालक रवि शंकर बाजपेयी ने गाड़ी को आगे-पीछे करते समय लापरवाही दिखाई, जिसके कारण राजू वर्मा गाड़ी के नीचे आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस दुखद घटना के अगले दिन, मृतक की पत्नी ने थाना महानगर में सूचना दी और अपने पति की हत्या का आरोप लगाया। शिकायत में यह भी कहा गया कि घटना से दो दिन पूर्व सुपरवाइजर अमित रावत और राजू वर्मा के बीच कहासुनी और मारपीट हुई थी, जिसमें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इसी के आधार पर थाना महानगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
हालांकि, मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह घटना सीधे तौर पर लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से हुई थी। आरोपी चालक रवि शंकर बाजपेयी, निवासी केसरीगंज, थाना लहरपुर, जनपद सीतापुर, घटनास्थल से भाग गया था और कई दिनों से फरार चल रहा था।पुलिस की लगातार तलाश के बाद आज 25 जून को महानगर थाना पुलिस ने रवि शंकर बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 के अंतर्गत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने यह भी बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है और उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।इस गिरफ्तारी को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में उपनिरीक्षक वेद प्रकाश यादव और उपनिरीक्षक
हिमांशु प्रताप सिंह शामिल रहे, जिन्होंने टीम के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा।यह घटना स्वच्छता व्यवस्था में लगे श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी देती है और यह आवश्यक बनाती है कि नगर निगम व संबंधित एजेंसियां अपने कामकाज में और अधिक सतर्कता बरतें। साथ ही, ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए श्रम नियमों, कार्यस्थल सुरक्षा उपायों और जवाबदेही तंत्र को और सख्त करने की जरूरत है।