
रिपोर्ट: के.के. मिश्रा, संवाददाता
नई दिल्ली/संत कबीर नगर। राष्ट्रीय अध्यक्ष, अतिपिछड़ा एकीकरण महाअभियान अनिल कुमार प्रजापति के नेतृत्व में देश भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में एक सफल संघर्ष यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य शिल्पकार/अतिपिछड़ा समाज के अधिकारों की रक्षा एवं आरक्षण से जुड़ी 11 सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना रहा।

हालाँकि अपरिहार्य कारणों से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा रक्षामंत्री से प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से ज्ञापन सौंपने का अवसर प्राप्त हुआ। यह ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री श्री अमित शाह तथा रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह को सौंपा गया।
इसके अतिरिक्त, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा, संगठन महामंत्री श्री बी.एल. संतोष एवं सह-संगठन महामंत्री श्री प्रह्लाद जोशी को भी वही ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से मांग की कि जैसे सवर्ण आरक्षण को तत्काल लागू किया गया, उसी प्रकार अतिपिछड़ा समाज की मांगों को भी शीघ्र लागू किया जाए, अन्यथा एक बड़ा जनांदोलन निश्चित है।
बीजेपी सहयोग प्रकोष्ठ की ओर से प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री से भविष्य में आमने-सामने वार्ता के लिए समय निर्धारित करने हेतु औपचारिक प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही, न्यायमूर्ति बालकृष्णन जांच आयोग एवं जातीय आरक्षण परिवर्तन विभाग (आरएल सेल) के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही के लिए एकजुटता की शपथ ली गई।
अनिल कुमार प्रजापति ने स्पष्ट किया कि कुछ षड्यंत्रकारी तत्व उन्हें भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जब तक आमजन का आशीर्वाद एवं सहयोग प्राप्त है, तब तक इस संघर्ष को कोई रोक नहीं सकता। यद्यपि छुट्टियों और सीमित बजट के चलते कुछ विभागीय अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी, फिर भी आंदोलन की गूंज सरकार तक पहुंच चुकी है।
संघर्ष यात्रा में प्रमुख रूप से योगेंद्र प्रजापति, जगन्नाथ प्रजापति, सरोज कुमार प्रजापति, राम किशोर प्रजापति, अभिनव मनीष पंडित, सूरज कुमार प्रजापति, कन्हैया पंडित आदि शामिल रहे। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से कई स्थानीय समर्थक भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी सहयोगी साथियों का दिल से आभार प्रकट करते हुए कहा कि समाजहित के इस संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटेंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली में समय-समय पर पुनः डेरा डालेंगे।