
रिपोर्ट : अभिनव अग्रवाल
नहटौर/बिजनौर। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर “एक तू सच्चा, तेरा नाम सच्चा” मंत्र से विख्यात सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वालों के आश्रम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरु पूजन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
आश्रम में सर्वप्रथम हवन का आयोजन हुआ, तत्पश्चात वेद मित्रों द्वारा भक्ति संगीत प्रस्तुत किया गया। हवन के उपरांत संपूर्ण राष्ट्र और मानवता के कल्याण हेतु पारब्रह्म परमेश्वर की प्रार्थना की गई।बाबा के अनुयायियों ने उन्हें फूलमाला, गुलदस्ता और दुशाला भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस पावन अवसर पर बाबा ने कहा, “परमेश्वर की कृपा से 40 दिनों का यह कल्प आज पूर्ण हुआ है। आज सभी के व्रत समाप्त हो गए हैं। व्रत से आत्मा में प्रकाश उत्पन्न होता है।”
बाबा ने व्रत पूर्ण करने पर अनुयायियों को गंगाजल वितरित किया। उन्होंने प्रवचन में कहा, “हे ज्योतिपुरुष, हे सनातन ब्रह्म! मैं तेरी महिमा का गान करता हूं, तेरी उपासना करता हूं। तेरे मंत्र का जाप करते हुए मेरी अंतरात्मा में तेरा दिव्य प्रकाश छा गया है। तूने मेरे दुर्गुणों को नष्ट किया है, और जो शेष हैं, उन्हें भी दूर कर दे। मेरी आत्मा में अपना चांदना भर दे।”
“इस सांसारिक वन में तू ही हमारा मार्गदर्शक है, तू ही मोक्ष की ओर ले जाने वाला है। तू हमें दैविक और आत्मिक संपदा प्रदान करता है , ऐसी संपदा जिसका कभी अंत नहीं होता। हे प्रभु! हमारा मस्तक सदा तेरे चरणों में झुका रहे।”
बाबा ने सत्संग के दौरान अन्न के महत्व पर विशेष बल देते हुए कहा, “भोजन को झूठा या व्यर्थ न फेंकें। अन्न में प्राण बसते हैं, अन्न ही ब्रह्म है। जो अन्न का अपमान करता है, वह अगले जन्म में अपमानित होता है। अन्न देवता हैं, उनकी उपेक्षा करने से व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।”
बाबा ने जीवन में सावधानी और संयम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ब्रह्म मार्ग में बड़ी सावधानी से चलना चाहिए- बोलने में, व्यवहार में और आचरण में। पहले हम सच्चे मनुष्य बनें, फिर देवता बनें, तभी परमात्मा हमारे ऊपर अमृत वर्षा करता है।”
उन्होंने अंत में कहा, “पुरख सनातन, अलख निरंजन! तू मेरी आत्मा की गुफा में वास करता है। युगों से मौन है, मैं तेरे सामने बोलता रहता हूं।”
इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। आश्रम की ओर से निःशुल्क भोजन प्रसाद और दवाइयों का वितरण किया गया।प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी।
कार्यक्रम में अग्निदेवता, वरुण देवता, धनपति देवता, पारब्रह्म देवता, आकाश देवपुत्र सहित नरेंद्र चौधरी, बबलू देवपुत्र आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।