
के के मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। जिलाधिकारी आलोक कुमार ने आइ0जी0आर0एस0 पोर्टल पर प्राप्त शिकायती संदर्भों के निस्तारण की गुणवत्ता में लापरवाही एवं उदासीन रवैया अपनाए जाने फलस्वरुप प्रकरणों से संबंधित शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि का फीडबैक खराब पाए जाने को गंभीरता से लेते हुए 06 अधिकारियों का अक्टूबर माह का वेतन बाधित करने एवं 34 अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर अपलोड शिकायती प्रार्थना पत्रों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किये जाने तथा डिफाल्टर तिथि से 03 दिन पूर्व निस्तारण किये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये है। माह सितम्बर में बार-बार अवगत कराने के बाद भी कुछ अधिकारियों द्वारा द्वारा आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर अपलोड/प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नही किया जा रहा है, जिससे फरियादियों/शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि का फीडबैक 50% से भी काम प्राप्त हुआ है।
जिलाधिकारी ने आईजीआरएस के प्रकरणों के निस्तारण में गुणवत्ता का अभाव फलस्वरुप शिकायतकर्ता का फीडबैक असंतुष्ट पाए जाने (80 प्रतिशत से अधिक प्राप्त असंतुष्ट फीडबैक वाले अधिकारीयों) तथा प्रकरण का निस्तारण ससमय न करने के कारण डिफाल्टर की श्रेणी में जाने को गंभीरता से लेते हुए औषधि निरीक्षक, संत कबीर नगर, चकबंदी अधिकारी धनघटा, खण्ड शिक्षा अधिकारी बेल्हरकला, अधिशाषी अधिकारी, बाघनगर उर्फ बखिरा, प्रभारी चिकित्साधिकारी पौली एवं जिला पंचायत राज अधिकारी का अक्टूबर माह का वेतन बाधित करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किये जाने के सम्बन्ध में तथा “असंतुष्ट सन्दर्भों के सापेक्ष में किससे सम्पर्क किया गया और संतुष्टि के लिए क्या किया गया है और भविष्य में कोई भी प्रकरण/शिकायत असंतुष्ट की श्रेणी में न जाए इसके लिए क्या प्रयास किया जा रहा है तथा शिकायत/संदर्भ के डिफाल्टर होने का कारण आदि के संबंध में 34 अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी करने का आदेश दिया है।