
मेरठ। भौतिकी विज्ञान के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर और प्रख्यात लेखक जीएल मित्तल बीते बुधवार को गोलोकधाम प्रस्थान कर गए। मेरठ स्थित 123, मानसरोवर गली नम्बर 2 में उन्होंने भरे पूरे परिवार के बीच अंतिम सांस ली। शिक्षा व प्रकाशन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके घर पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।
जीएल मित्तल का जन्म 1 जनवरी 1939 को किला परीक्षितगढ़ में हुआ था। उन्होंने मैट्रिक, आईएससी, बीएससी और एमएससी की परीक्षा माध्यमिक स्कूल, मेरठ और मेरठ कॉलेज से पास की। ततपश्चात वर्ष 1961 में एएसपीजी कॉलेज मवाना में बतौर व्याख्याता अपनी सेवा शुरू की। अपनी सेवा में रहते हुए ही नगीन प्रकाशन से जुड़े और आईसीएसई, सीबीएसई व यूपी बोर्ड में चलने वाली माध्यमिक भौतिकी की किताबें लिखीं।
बताया गया कि इस किताब को मिली राष्ट्रीय प्रसिद्धि से लेखन और प्रकाशन दोनों को देश व समाज में मशहूर होने का मौका मिला। वे अपने पीछे दो पुत्र और दो पुत्रियों समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं, जिनमें कपिल मित्तल, तरुण मित्तल, रूमा गोयल, संगीता जैन आदि प्रमुख हैं। उनकी धर्मपत्नी सरला मित्तल का तीन साल पूर्व स्वर्गवास हो गया।
उन्होंने अपने महाविद्यालय में एनसीसी के प्रभारी कैप्टन की भूमिका भी निभाई। उनके निधन पर नगीन प्रकाशन समूह के सीईओ मोहित जैन, वत्सल जैन एवं मेरठ के गणमान्य लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।