 
        लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। बुधवार को नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा की अध्यक्षता में संगम सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में दोनों विभागों की भूमिका, योजनाओं और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति में ऊर्जा और नगर विकास विभाग की भूमिका अत्यंत अहम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “स्वच्छ, आधुनिक, सुरक्षित और ऊर्जा-कुशल नगर व्यवस्था से ही उत्तर प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।”उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में योगदान सुनिश्चित करने के लिए दोनों विभाग एक ठोस और व्यावहारिक रोडमैप तैयार करें।
शर्मा ने कहा कि प्रत्येक विभाग अपने-अपने क्षेत्र की संभावनाओं का विश्लेषण करते हुए परिणामोन्मुखी कार्ययोजना बनाए और उसके क्रियान्वयन के लिए ठोस दिशा-निर्देश तय करे।मंत्री ने बताया कि जल्द ही इस दिशा में विस्तृत एजेंडा तैयार कर विभागीय बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी नगर स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल मॉडल पर विकसित हों, साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में उभरे।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण, चेयरमैन आशीष गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास पी गुरु प्रसाद, निदेशक नगरीय निकाय अनुज झा, एमडी जल निगम रमाकांत पांडेय सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग आपसी समन्वय के साथ ऐसे मॉडल तैयार करेंगे, जो निवेश, रोजगार और आधारभूत संरचना विकास को नई गति दें।
शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश का भविष्य मजबूत ऊर्जा तंत्र और सुव्यवस्थित शहरी ढांचे पर आधारित होगा, यही वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की दिशा में राज्य की निर्णायक छलांग सिद्ध होगी।

 
         
         
        