
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को कांग्रेस पर बड़ा पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता मिलने से सालों पहले ही अवैध रूप से मतदाता सूची में जोड़ दिया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि इटली में जन्मीं सोनिया गांधी का नाम 1980 से 1982 तक मतदाता सूची में शामिल था, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता अप्रैल 1983 में मिली थी।
इस मामले को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट भी किया। मालवीय ने 1980 की मतदाता सूची के एक हिस्से की फोटोकॉपी साझा करते हुए कहा कि इसमें सोनिया गांधी का नाम एक मतदाता के तौर पर दर्ज था, जबकि उस समय वह भारत की नागरिक नहीं थीं। उन्होंने कहा कि यह उस कानून का स्पष्ट उल्लंघन था, जिसके तहत मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
मालवीय ने दावा किया कि 1968 में राजीव गांधी से विवाह के बाद सोनिया गांधी का नाम उस समय सूची में जोड़ा गया जब गांधी परिवार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास में रहता था। उन्होंने कहा कि 1980 के लोकसभा चुनाव से पहले नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान यह नाम शामिल किया गया था, जिसे 1982 में एक हंगामे के बाद सूची से हटाया गया।
मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि 1983 में भारतीय नागरिकता मिलने के बाद उनका नाम फिर से जोड़ना भी धोखाधड़ी थी। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए कट-ऑफ तारीख 1 जनवरी थी, लेकिन सोनिया गांधी को नागरिकता अप्रैल में मिली थी।
वहीं, अनुराग ठाकुर ने इन आरोपों के साथ-साथ पिछले साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में मतदाता धोखाधड़ी को लेकर राहुल गांधी पर भी हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस सांसद पर झूठ बोलने और गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया।