प्रयागराज। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी के कथित बयान कि दाऊद इब्राहिम आतंकवादी नहीं है और उसने मुंबई धमाके नहीं कराए, से प्रयागराज के साधु संतो ने आपत्ति जताई हैं।
श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर शांडिल्य महाराज ने ममता कुलकर्णी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने उन्होंने आरोप लगाया कि ममता कुलकर्णी ने खुद को महामंडलेश्वर घोषित किए जाने के बाद अब सनातन धर्म से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप कर रही हैं, जो अनुचित है।
उन्होंने कहा कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाकर सनातन धर्म की मर्यादा का अपमान किया है। ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि महामंडलेश्वर एक सम्मानजनक पद है, जो लोगों को धर्म, ज्ञान, सदविचार और समाज के मुख्यधारा से भटके लोगों को सही मार्ग पर लाने का कार्य करता है लेकिन ममता कुलकर्णी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की वकालत कर उसको मुंबई धमाके मे क्लीन चिट दे रही हैं। मुंबई बम ब्लास्ट मे तमाम लोगों कि जानें गई थी।
श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर ने कहा कि महामंडलेश्वर अखाड़ा के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता होता हैं, जिनका कार्य सनातन धर्म का प्रचार करना, समाज को नैतिक मार्गदर्शन देना, धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन करना , समाज को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा देना और भटके हुए लोगों को सही राह दिखाना हैं। जो व्यक्ति किसी अंडरवर्ल्ड डॉन की तरफदारी करता हो समाज को उससे धर्म के मार्ग पर चलने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
पीठाधीश्वर ने बताया कि दाऊद इब्राहिम मार्च 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाता है। 2003 में, भारत और अमेरिका की सरकारों ने इब्राहिम को “वैश्विक आतंकवादी” घोषित किया। भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने इसे एक बड़ी घटना बताया था। इब्राहिम वर्तमान में भारत की “मोस्ट वांटेड सूची” में है।
उन्होंने बताया कि ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े कि आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी कि कृपा पात्र है। 24 जनवरी 2025 माहकुंभ मे डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को विधिवत महामंडलेश्वर बनाया। उसके बाद से ही किन्नर अखाड़े मे भी रार छिड़ गया और अंत मे किन्नर अखाड़ा दो भागों मे विभाजित हो गया। एक किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी तो दूसरे कि आचार्य महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि “टीना मा” बनी।
