
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बौद्ध पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा ‘बोधि यात्रा’ नामक एक विशेष फैम ट्रिप का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा 2 जून से 7 जून 2025 तक विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित होगी, जिसमें कम्बोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम जैसे छह आसियान देशों के कुल 50 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें ट्रैवल एजेंट्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, पत्रकार, और बौद्ध भिक्षु शामिल हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य भगवान बुद्ध से जुड़े उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्थलों का अवलोकन कराना है, जिससे न सिर्फ सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूती मिलेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सर्किट में उत्तर प्रदेश की पहचान और सशक्त होगी। यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल आगरा, लखनऊ, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, वाराणसी और सारनाथ जैसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेगा।बोधि यात्रा की शुरुआत दिल्ली एयरपोर्ट से होगी, जहां से प्रतिनिधिमंडल सीधे आगरा पहुंचेगा और ताजमहल के दर्शन के बाद लखनऊ आएगा। तीसरे दिन यात्रा श्रावस्ती पहुंचेगी, जहां आनंद बोधि वृक्ष, जेतवन विहार, सहेठ-महेठ, महामांगकोल, चाईटैम्पुल और ओराझार जैसे प्रमुख बौद्ध स्थलों का भ्रमण होगा।
इसके बाद कपिलवस्तु, कुशीनगर और अंत में वाराणसी एवं सारनाथ में यात्रा संपन्न होगी।कुशीनगर में प्रतिनिधि मठकुंवर श्राइन, महापरिनिर्वाण स्तूप, रामभर स्तूप, म्यांमार बुद्ध विहार, जापान, श्रीलंका, वट थाई और चीनी बौद्ध मंदिरों का अवलोकन करेंगे।
वहीं वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के साथ-साथ धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप, बोधिवृक्ष, अशोक स्तंभ और मूलगंध कुटी का भ्रमण करेंगे।सारनाथ में यात्रा का समापन होगा, जहां बिहार सरकार की ओर से प्रतिनिधियों का स्वागत किया जाएगा और इसके बाद बिहार के बौद्ध स्थलों की यात्रा आरंभ होगी।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह पहल भारत और आसियान देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने का काम करेगी। साथ ही, उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर एक मजबूत उपस्थिति दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।
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