
▪️टीबी कर्मचारियों के मानदेय को शीघ्र बढ़ाया जाए और उन्हें टीए, डीए सहित सुविधाओं का दिया जाए लाभ – प्रदेश अध्यक्ष करुणा शंकर मिश्रा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय क्षयरोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों ने लंबे समय से स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ बनकर कार्य किया है। कोविड-19 संकट से लेकर टीबी खोज अभियानों तक स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जनहित में काम किया है। लेकिन अब ये कर्मचारी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि नेशनल स्ट्रैटेजिक प्लान के अनुसार समय-समय पर वेतन वृद्धि और विभिन्न भत्तों जैसे संक्रमण भत्ता, कार्य उत्कृष्टता पर इंसेंटिव, यात्रा भत्ता (टी.ए.), दैनिक भत्ता (डी.ए.) इत्यादि की व्यवस्था है, परन्तु उन्हें इनका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। विशेष रूप से संक्रमण जैसे जोखिमपूर्ण माहौल में कार्य करने के बावजूद किसी कर्मचारी को संक्रमण भत्ता तक नहीं मिला है।
राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष करुणा शंकर मिश्रा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य मंत्री) को पत्र लिखकर इस उपेक्षा पर गहरा रोष प्रकट किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि अधिकांश कर्मचारी बेहद कम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं। हाल ही में कुछ संवर्गों में वेतनवृद्धि अवश्य हुई है, लेकिन यह सुविधा सभी टीबी कर्मचारियों को नहीं दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष करुणा शंकर मिश्रा ने सरकार से अपील की है कि टीबी कर्मचारियों के मानदेय को शीघ्र बढ़ाया जाए तथा उन्हें सभी पात्र भत्तों एवं सुविधाओं का लाभ दिया जाए। साथ ही इस विषय पर संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी उन्मूलन में लगे कर्मचारी उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।