
•मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, दो दिन पहले डीएम और एसपी पहुंचे थे गिराने।
प्रयागराज। संभल में मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। शनिवार को हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को ध्वस्तीकरण आदेश पर स्टे लेने के लिए निचली अदालत में अपील करने की बात कही है। प्रशासन का दावा है कि मस्जिद तालाब की जमीन पर बनी थी।
ज्ञात हो कि 2 अक्टूबर को प्रशासन बुलडोजर लेकर मस्जिद तोड़ने पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों से डीएम ने खुद तोड़ने के लिए 4 दिन की मोहलत मांगी थी। इसके बाद गुरुवार-शुक्रवार को लोगों ने खुद ही मस्जिद की बाहरी दीवारों को तोड़ा था।
इधर, शुक्रवार को मस्जिद के मुतव्वली मिंजार हुसैन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की अर्जेंट बेंच में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा था कि ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई जाए। कल करीब सवा घंटे कोर्ट में याचिका पर सुनवाई भी हुई थी।
हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मस्जिद गिराए जाने की कार्रवाई दो अक्टूबर को छुट्टी के दिन की गई। जिसके चलते हमें कोर्ट में अर्जेंट अपील दाखिल करनी पड़ी। कोर्ट ने शुक्रवार को इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने माना कि जिस आदेश के तहत ये मस्जिद गिराई जानी थी, वो आदेश ही हमें नहीं दिया गया। कोर्ट के आदेश पर आज हमें आदेश की कॉपी मिली। जिस पर आज फिर छुट्टी के दिन सुनवाई हुई। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ध्वस्तीकरण अंतिम विकल्प माना जाए। जबकि, संभल के इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। कोर्ट ने प्रशासन के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ स्टे लेने के लिए निचली अदालत में जाने का आदेश दिया है। ये कहकर कोर्ट ने हमारी याचिका खारिज कर दी है। हम मामले में ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
मस्जिद का नाम गौसुलबरा है। यह संभल जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर, असमोली क्षेत्र के राया बुजुर्ग गांव में बनी हुई है। बुलडोजर एक्शन पर सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा- मैं लोगों से अपील करता हूं कि मस्जिद पर खुद कोई हथौड़ा न चलाएं। अगर कुछ गलत हो रहा तो कानून का सहारा लें। पुलिस और प्रशासन जो कर रहा, उसे करने दें।
2 अक्टूबर को सुबह प्रशासन 4 बुलडोजर लेकर मस्जिद और मैरिज हॉल को तोड़ने पहुंचा। मस्जिद के बगल में तालाब की जमीन पर बने मैरिज हॉल पर 4 घंटे तक बुलडोजर चले। मैरिज हॉल के बाद मस्जिद पर बुलडोजर चलने की पारी आई तो स्थानीय लोगों ने डीएम राजेंद्र पेंसिया से मस्जिद तोड़ने के लिए 4 दिन की मोहलत मांगी। डीएम से मोहलत मिलते ही मस्जिद को लोगों ने खुद तोड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद शुक्रवार को भी जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने मस्जिद को तोड़ा था। इसी बीच शुक्रवार को ही मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गया।