
•आसपास के मकानों को भी पहुंची क्षति, घायलों में 4 की हालत गंभीर।
सुल्तानपुर। सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के मियागंज बाजार में बुधवार भोर करीब 4 बजे जोरदार धमाका हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि नजीर अहमद का पक्का मकान पूरी तरह ढह गया, जबकि आसपास के तीन मकानों को भी नुकसान पहुंचा है. हादसे में एक ही परिवार के समेत कुल 12 लोग घायल हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को सीएचसी जयसिंहपुर पहुंचाया गया, जहां से चार की गंभीर हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर रेफर कर दिया गया। फिलहाल पटाखा विस्फोट की आशंका जताई जा रही है. फोरेंसिक टीम अभी जांच कर रही है।

प्रत्यक्षदर्शी उदयराज के मुताबिक, सुबह करीब साढ़े चार बजे जब वह टहलने निकले थे, तभी मो. यासीन के मकान में अचानक तेज धमाका हुआ। आग की लपटें उठने लगीं। पूरा मकान मलबे में तब्दील हो चुका था और अंदर से चीख-पुकार की आवाजें आ रही थीं। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस और फायर विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में राहत कार्य शुरू हुआ और मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया।
घायलों में नजीर अहमद, पत्नी जमातुल निशा, बेटे मो. अनीस, नूर मोहम्मद, शाहिल, सोहेल, पुत्रियां सानिया, खुशी, बहू सहाना और पड़ोसी अब्दुल हमीद के बेटे कैफ, ऐफ, फैजान शामिल हैं। कैफ, साहिल और जमातुल निशा सहित चार को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि बगल के अब्दुल हमीद, गुड्डू वर्मा और लक्ष्मी प्रसाद के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए।
लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि लगातार कई धमाके हुए, जिससे दीवारें और छतें हिल गईं, घर का सामान बर्बाद हो गया। घटनास्थल पर बारूद की गंध महसूस की गई और सुतली गोले भी मिले हैं, जिससे पुलिस ने पटाखा विस्फोट की आशंका जताई है।
बताया जा रहा है कि नजीर अहमद का बड़ा बेटा यासिर पटाखों का कारोबार करता है, हालांकि, वह परिवार से अलग मकान में रहता है। फोरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच कर रही है। इसके बाद ही विस्फोट के सही कारणों का पता लगेगा।
घटना की सूचना पर एडीएम, एएसपी, सीओ जयसिंहपुर रामकृष्ण चतुर्वेदी, तहसीलदार मयंक मिश्रा तथा मोतिगरपुर, गोसाईगंज व जयसिंहपुर थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। अधिकारी विस्फोट के कारणों की जांच में जुटे हुए हैं. प्रशासन ने क्षेत्र की घेराबंदी कर ली है। घटनास्थल पर पहुंचे आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि मो. यासीन के नाम पर पटाखा भंडारण का लाइसेंस है। विस्फोट कैसे हुआ, इसकी जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि निर्धारित से ज्यादा भंडारण तो नहीं था। घायलों का इलाज कराया जा रहा है।
लाइसेंसधारी यासीन के नाम पर था पटाखा भंडारण का लाइसेंस
पुलिस सूत्रों के अनुसार यासीन पुत्र अब्दुल रहमान के नाम पर वर्ष 2029 तक वैध पटाखा भंडारण लाइसेंस जारी था। लेकिन धमाका यासीन के करीबी नजीर के मकान पर हुआ, जहां बड़ी मात्रा में पटाखे रखे गए थे। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि भंडारण मकान सुरक्षा मानकों के विपरीत बनाया गया था। फिलहाल पुलिस ने लाइसेंसधारी यासीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
आईजी अयोध्या मंडल ने दिए सख्त निर्देश
मामले पर आईजी अयोध्या जोन ने कहा कि पटाखा भंडारण में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश भर में पुलिस द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें भारी मात्रा में अवैध पटाखे जब्त किए गए हैं।
धमाके ने खोली प्रशासनिक लापरवाही की पोल
घटना ने जिला प्रशासन और विस्फोटक विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों के अनुसार, पटाखा भंडारण गोदाम आबादी से सुरक्षित दूरी पर होना चाहिए, लेकिन मियागंज का गोदाम घनी बस्ती के बीच बना था। पटाखा भंडारण के मानक के अनुसार गोदाम आबादी से सुरक्षित दूरी पर होना चाहिए। पक्की दीवारें, बिना टीन/फूस/लकड़ी के टीन और फूस का प्रयोग, वेंटिलेशन हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था बिजली व्यवस्था स्पार्क-प्रूफ फिटिंग, ढीले तार नहीं होने चाहिये, अग्निशमन उपकरण कम से कम 2-4 सिलेंडर अनिवार्य है पर मौके पर कोई व्यवस्था नहीं मिली।
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने लापरवाही बरती। संक्षेप में यह धमाका न केवल सुरक्षा नियमों की अनदेखी का परिणाम है बल्कि प्रशासनिक अमले की जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि समय रहते निरीक्षण किया गया होता तो यह दिन सामने नही आता।