
हरिद्वार (उत्तराखंड): शैलेंद्र कुमार की रिपोर्ट
हरिद्वार (उत्तराखंड): विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके लाल सिर वाले गिद्धों के संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल करते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दो गिद्धों को रेडियो कॉलर लगाकर पुनः जंगल में छोड़ा गया है। यह कार्य उत्तराखंड वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के संयुक्त प्रयास से किया गया है, जिसका उद्देश्य इन पक्षियों के व्यवहार, वास स्थल और भोजन स्रोतों की निगरानी करना है।
28 अप्रैल को चीला एवं गोहरी रेंज में चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान इन दोनों गिद्धों को पकड़ा गया था। अब इन गिद्धों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम करेगी, जिससे प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर इनके संरक्षण व संख्या बढ़ाने की रणनीति तैयार की जाएगी।
चीला की वार्डन चित्रांजलि नेगी ने बताया कि “रेडियो कॉलर की मदद से जुटाई गई जानकारी से गिद्धों के वास स्थान को सुरक्षित करने, भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनकी संख्या में बढ़ोतरी के लिए उपयुक्त उपाय किए जाएंगे।”
यह अभियान उत्तराखंड में पाए जाने वाली चार प्रमुख रेप्टर प्रजातियों की सेटेलाइट टैगिंग परियोजना के चौथे चरण का हिस्सा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पहल से लाल सिर वाले गिद्धों की रक्षा और पुनरुत्थान की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार होगा।