
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। मंगलवार को अति पिछड़ा एकीकरण महाभियान के नेतृत्व संत कबीर नगर समेत समस्त उत्तर प्रदेश के कुम्हारों को शिल्पकार श्रेणी के अंतर्गत अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने तथा कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, धीवर, बिंद, भर, राजभर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुआ, धीमर को संबंधित श्रेणी में परिभाषित करते हुए एससी अनुपातिक कोटा बढ़ाने, कुम्हारी कला हेतु कुम्हारों को काली मिट्टी के साथ समतल भूमि पर पीली मिट्टी के पट्टे एवं जिलेवार बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हेतु संगठन के नाम जमीन सुरक्षित कर पर्याप्त साधन संसाधन एवं कार्यशील पूंजी की व्यवस्था, शोषित वंचित भूमिहीन मजदूर वर्गों के आत्मनिर्भरता को लेकर आसान शर्तों पर अनुदानित ऋण की व्यवस्था एवं शोषित वंचितों को जनसंख्या के अनुपात में राजनैतिक हिस्सेदारी आदि के लिए अतिपिछड़ा एकीकरण महाअभियान सामुहिक रूप से क्रमबद्ध यह चौथा ज्ञापन इस आशय से सौंप रहा है कि जब तक हमारी जायज मांगे नहीं पूरी होती अनवरत संघर्ष जारी रहेगा।





सेम मांगपत्र जरिए जिलाधिकारी सीतापुर, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, गोरखपुर, महाराजगंज और बलिया आदि 15 जिलों के माध्यम से भी आज के डेट में शासन प्रशासन और सरकार को दिया जा रहा है तथा अगले पड़ाव में जनांदोलन का विस्तार अन्य तमाम जिलों से होगा और बढ़ता ही जाएगा।
अनिल कुमार प्रजापति जी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से पीछे दिए गए तीन मांग पत्रों का इतना रिजल्ट सामने आया कि नन्हे प्रजापति तहसील शाहबाद को शिल्पकार श्रेणी में परिभाषित करते हुए अनुसूचित जाति प्रमाण निर्गत कर रामपुर जिले के सभी तहसीलों को आदेश तो पारित हो गया किन्तु प्रदेश के अन्य सभी जिले अछूते हैं तथा इसके अलावा हल्का लेखपाल बड़गो निकट कलेक्ट्रेट संतकबीरनगर गांव के लाभार्थियों से मिले और बहुत पहले तालाब के पट्टे का जिक्र करते हुए आसानी से मामले का कागजी निस्तारण कर दिए जबकि तालाब में हमेशा पानी भरा होता है और कुम्हारी कला के लिए सिर्फ काली ही नहीं बल्कि पीली मिट्टी की भी आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में हम सभी लोग शासन प्रशासन और सरकार से सामंजस्य स्थापित करते हुए संतकबीरनगर के साथ साथ पुरे उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के शोषित वंचित भूमिहीन अतिपिछड़े समाज के दीन-हीन दशा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर जनहित के उक्त ज्वलंत जनसमस्याओं का न्यायसंगत निस्तारण करने का कष्ट करें।