
प्रयागराज। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर चिंताजनक स्तर तक घट गया है। संगम और आसपास के घाटों पर पानी तेजी से कम हो रहा है। छतनाग घाट पर श्रद्धालु अब गंगा को पैदल पार कर रहे हैं।
संगम पर श्रद्धालुओं को घुटनों तक पानी में ही स्नान और पूजा करना पड़ रहा है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सर्वेक्षण में छतनाग में जलस्तर मात्र डेढ़ फीट पाया गया है। इस कारण सर्वे कर रही टीम का जहाज भी वहीं फंस गया। मांडा और टेला के बीच गंगा में 15 मीटर तक पानी है। यह स्थिति संगम और छतनाग क्षेत्र में बालू जमाव और गंगा प्रवाह में बदलाव के कारण बनी है।
सिंचाई विभाग के अनुसार, कानपुर बैराज से गंगा में जल प्रवाह 2632 क्यूसेक तक गिर गया है। महाकुंभ के समय यह 9000 क्यूसेक था। 30 पांटून पुलों की वजह से नदी की प्राकृतिक धारा बाधित हुई है। मानसून के आगमन से जलस्तर में वृद्धि की आशा है। वर्तमान में श्रद्धालु वाटर बैरिकेडिंग को पार कर गहरे पानी तक पहुंच रहे हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से जोखिम भरा है।