
सुल्तानपुर। पूर्व प्रधानाचार्य द्वारा लिपिक के फर्जी नियुक्ति संबंधी अभिलेख जलाने का मामला तूल पकड़ा तो जिला विद्यालय निरीक्षक के त्रिसदस्यीय जांच टीम ने पूर्व प्रधानाचार्य, लिपिक व परिचर को दोषी करार देते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जयसिंहपुर कोतवाली पुलिस ने अपराध संख्या 9/25 धारा 334(2),324 (3), 316 (2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार राष्ट्रवादी इंटरमीडिएट कॉलेज सपाही प्रधानाचार्य शीतला प्रसाद तिवारी ने कहा है माध्यमिक शिक्षा निदेशक के 29 अगस्त 2024 का स्पष्ट निर्देश था कि वर्ष 2003 से 2020 के बीच अध्यापकों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधित पत्रावली पेश करें। जिस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ने विद्यालय में कार्यरत उक्त सूचना मांगी थी। बस अगले दिन 31 अगस्त को अभिलेख छुपाने/हटाने व खुद को बेदाग साबित करने के लिए पूर्व प्रधानाचार्य छोटेलाल तिवारी, को सहयोग में लेते हुए लिपिक/(बड़े बाबू) यमुना प्रसाद द्विवेदी ने कूटरचित रचना शुरू कर दिया। फिर क्या था, मौजूदा प्रधानाचार्य शीतला प्रसाद तिवारी को गुमराह कर नया हथकंडा अख्तियार किया और एक दूसरे को फंसाने की साजिश शुरू हो गई।
लिपिक बड़े बाबू यमुना प्रसाद अपनी बादशाहियत कायम रखने के लिए पूर्व प्रधानाचार्य छोटेलाल तिवारी के निर्देशन में स्कूल में कार्यरत परिचर संतोष तिवारी को बुलाकर अलमारी में रखे नियुक्ति संबंधी अभिलेख को जलाकर (आग) के हवाले कर दिया। बस परिचर का दोष इतना था कि वह सब कुछ अपनी आंखों से देखता रहा। मामले की शिकायत अगले दिन शीतला प्रसाद तिवारी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक,जिला अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक से करते हुए मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग कीथी।
जिला विद्यालय निरीक्षक की जांच टीम ने उपरोक्त विद्यालय के दाग दार हो रहे दामन को पाक साफ करते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है वही विभाग का मानना है कि विकासखंड जयसिंहपुर के राष्ट्रवादी इंटरमीडिएट कॉलेज सपाही में कार्यरत बड़े बाबू यमुना प्रसाद दुबे के अन्य कारनामों की प्राप्त शिकायतों की जांच अभी जारी है।