
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने गुरुवार को लखनऊ स्थित 12 माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर उत्तर प्रदेश इकाई की विशेष बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने 9 अक्टूबर को ‘मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल’ लखनऊ में आयोजित राज्य-स्तरीय महा-आयोजन की ऐतिहासिक सफलता के लिए प्रदेश के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को हार्दिक बधाई दी और सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
मायावती ने कहा कि यह आयोजन बीएसपी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के विचारों और आंदोलन के प्रति जनता की गहरी निष्ठा और विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक जनसमर्थन आगामी राजनीतिक संघर्षों के लिए प्रेरणा बनेगा। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तन, मन और धन से जुट जाने का आह्वान करते हुए कहा कि राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर ही बहुजन समाज के सशक्तिकरण और सम्मान की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
बीएसपी प्रमुख ने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी गठन से जुड़े बचे हुए कार्यों को तत्काल पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि बीएसपी अन्य राजनीतिक दलों की तरह पूंजीपतियों और धन्नासेठों के इशारों पर चलने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि यह एकमात्र जनकल्याणकारी और अम्बेडकरवादी पार्टी है, जो सर्वसमाज के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा, सम्मान और उत्थान के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि बीएसपी के शासनकाल में जनता के हित में जो भी फैसले लिए गए, वे वोट की राजनीति के लिए नहीं बल्कि “सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति” के सिद्धांत को साकार करने के उद्देश्य से लिए गए थे।मायावती ने कहा कि बीएसपी करोड़ों गरीबों और वंचितों के सहयोग से चलने वाली पार्टी है, जो ईमानदारी, सेवा और समर्पण के भाव से जनहित के कार्य करती है। उन्होंने विरोधी दलों द्वारा हाल के महा-आयोजन को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में उमड़ी भीड़ बीएसपी कार्यकर्ताओं की निष्ठा का जीता-जागता प्रमाण है, जो अपने स्वयं के साधनों से, बसों, ट्रेनों और पैदल चलकर पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि विरोधी दलों द्वारा सरकारी बसों के इस्तेमाल के आरोप “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” की कहावत को चरितार्थ करते हैं।बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि पार्टी की राजनीति पारदर्शिता, स्वाभिमान और सर्वजन हित की राजनीति है। उन्होंने कहा कि विरोधी दल जब मुद्दों से खाली हो जाते हैं, तो वे झूठ और भ्रम फैलाने का सहारा लेते हैं। बीएसपी का इतिहास इस बात का साक्षी है कि उसने कभी साम, दाम, दंड, भेद की राजनीति नहीं की, बल्कि जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
मायावती ने कहा कि बीएसपी सरकार द्वारा लखनऊ में निर्मित भव्य स्मारक और पार्क न केवल बहुजन समाज के गौरव का प्रतीक हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर भी हैं। उन्होंने वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार का आभार जताया कि उसने बीएसपी की इस मांग को स्वीकार किया कि इन स्मारकों से टिकट बिक्री से प्राप्त धन इन्हीं के रखरखाव में खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि बीएसपी की राजनीतिक ईमानदारी और नीतिगत स्पष्टता विरोधी दलों को रास नहीं आती, क्योंकि उनके चरित्र में निष्पक्षता और जननिष्ठा का अभाव है।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के जातिवादी दृष्टिकोण ने न केवल बीएसपी सरकार द्वारा स्थापित कई संस्थानों और योजनाओं की उपेक्षा की, बल्कि बहुजन समाज के उत्थान के प्रयासों को भी कमजोर किया।
मायावती ने कहा कि बीएसपी की राजनीति सदैव “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” के सिद्धांत पर आधारित रही है और यह अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करती।बैठक में उन्होंने आगामी 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आर्थिक सहयोग की परंपरा को जारी रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि बीएसपी जनता के सहयोग और उनके खून-पसीने की कमाई से चलने वाली पार्टी है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान पार्टी के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बीएसपी का लक्ष्य बहुजन समाज को “लेने वाले से देने वाला समाज” बनाना है और इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को निरंतर समर्पित भाव से कार्य करना होगा।
बैठक में उत्तराखंड राज्य इकाई के पदाधिकारी भी शामिल रहे। उन्होंने मायावती को आश्वस्त किया कि वे उनके संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे और “मिशन यूपी विधानसभा 2027” के तहत पूर्ण बहुमत की बीएसपी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।
बैठक के अंत में मायावती ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीएसपी की राजनीति आत्मसम्मान, सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता की लड़ाई है, जिसे जनता के समर्थन से और भी अधिक मजबूती मिलेगी।