
इस्लामाबाद। पहलगाम आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने आखिरकार कबूल कर लिया है कि भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान की गई एयर स्ट्राइक में उसके एक साथी आतंकी मुदस्सर के शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। कसूरी ने यह भी बताया कि इस घटना के बाद वह मुदस्सर के जनाजे में भी शामिल नहीं हो सका था और उसे बहुत दुख हुआ था।
गौरतलब है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में स्थित लश्कर और जैश के नौ ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था। इसी हमले में लश्कर का आतंकी मुदस्सर भी मारा गया था।
हाल ही में आतंकी सैफुल्लाह कसूरी और मुजम्मिजल हाशमी ने कुछ भड़काऊ भाषण दिए थे। इसी दौरान कसूरी ने यह स्वीकारोक्ति दी कि उसके साथी आतंकी मुदस्सर के शव के परखच्चे सात मई को मुरीदके (जमात-उद-दावा/लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय) पर हुए भारतीय वायुसेना के हमले में उड़ गए थे। भारत ने यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की थी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
कसूरी ने अपनी तकरीर में कहा, मुझे उसके जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। उसके जनाजे के दिन मैं बहुत रोया। हालांकि, उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि मुदस्सर के अंतिम संस्कार में शामिल होने से उसे किसने रोका था।