
•रामपुर खागल में तुलसी पीठाधीश्वर उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्रदास जी को पत्रक सौंपते समिति के पदाधिकारी।
प्रतापगढ़। रामपुर खागल में श्रीमदभागवत कथा में पधारे तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी से शुक्रवार को श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किये जाने की याचना हुई है।
श्रीरामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रन्थ संरक्षा अभियान समिति के राष्ट्रीय संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल एवं संरक्षक स्वामी जितेन्द्र तिवारी की अगुवाई में समिति का एक आध्यात्मिक प्रतिनिधि मण्डल रामपुर खागल में पहुंचा। यहां जगदगुरू सदन में स्वामी रामभद्राचार्य जी को संबोधित पत्रक मानस प्रेमियों के द्वारा तुलसी पीठाधीश्वर उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्रदास जी को प्रदान किया गया।
समिति के संयोजक ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने तुलसीपीठ द्वारा मानस ग्रंथ संरक्षा अभियान के सदप्रयासों को वंदनीय बताते हुए श्रीरामचरितमानस को अविलम्ब राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित कराए जाने में पीठ का मार्गदर्शन मांगा है। आचार्य रामचंद्रदास जी ने प्रतिनिधिमण्डल को बताया कि स्वामी रामभद्राचार्य जी महराज के द्वारा इस संकल्प को प्रमुखता दी गई है।
पत्रक में श्रीरामचरितमानस एवं श्रीमदभागवतगीता तथा श्री बाल्मीकि रामायण जैसे पवित्र ग्रन्थों के अनादर की चंद कतिपय दुराग्रह ग्रसित तत्वों द्वारा कुचेष्टा को भारतीय सनातन संस्कृति पर प्रहार भी कहा गया है।
ज्ञानप्रकाश शुक्ल व स्वामी जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि एक देश एक विधान के तहत श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ की मान्यता राष्ट्रीय भावना को बलवती बनाएगी। पत्रक सौंपने वालों में समिति के महासचिव अनिल त्रिपाठी महेश, उपाध्यक्ष विपिन शुक्ल, संदीप मिश्र राहुल, दिनेश सिंह, शिव नारायण शुक्ल साथ रहे।