
लखनऊ। मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हृदय रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। यहां एक वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ की अगुवाई में डॉक्टरों की एक टीम सभी हृदय संबंधी आपात स्थितियों के लिए तत्पर है और हर पल रोगियों को तत्काल देखभाल प्रदान करती है।कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक, डॉ. आर.के. सरन ने बताया कि हृदयाघात (हार्ट अटैक) तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में थक्का बन जाता है, जिससे रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है।
उन्होंने कहा कि तीव्र हृदयाघात के 50% रोगी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं, और ऐसे मामलों में तत्काल उपचार बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि मेदांता अस्पताल 24×7 उपलब्ध हृदय विशेषज्ञों के साथ हृदय रोगियों को समय पर उपचार उपलब्ध कराता है। हर मिनट की देरी से हृदय को अधिक नुकसान हो सकता है। एंजियोप्लास्टी जैसी अत्याधुनिक प्रक्रियाएं मेदांता में रात के समय भी उपलब्ध हैं, जिससे मरीज की स्थिति जल्दी सुधारती है।डॉ. गौरांग मजूमदार, निदेशक कार्डियोवैस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी (सीवीटीएस) ने हृदय रोगों के सर्जिकल उपचार के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वाल्व प्रतिस्थापन और बाईपास सर्जरी जैसे जटिल मामलों में भी मेदांता में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त होते हैं। साथ ही, बीटिंग-हार्ट कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) और वाल्व प्रतिस्थापन सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का नियमित रूप से सफलतापूर्वक आयोजन किया जाता है। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक, डॉ. पी.के. गोयल ने भी तीव्र हृदयाघात के दौरान ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि मेदांता अस्पताल में 24×7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता के कारण ब्लॉकी हुई धमनियों को खोलने का कार्य अत्यंत प्रभावी और सुरक्षित तरीके से किया जाता है। इस प्रकार के जटिल मामलों में मेदांता का कार्डियोलॉजी टीम एक सशक्त और अनुभवी समूह है, जो देश के सबसे अनुभवी दलों में से एक है।मेदांता अस्पताल का हृदय रोग उपचार विभाग अत्याधुनिक सुविधाओं और उन्नत तकनीकों के साथ मरीजों को व्यापक देखभाल प्रदान करता है, जिससे हृदय रोगियों को राहत मिलती है और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है।