रिपोर्ट: पवन कुमार रस्तोगी।
प्रयागराज। सावन-भादों की बाढ़ में उफनाती नदियों की लहरें जैसे समुद्र में मिलने के लिए आतुर हों, उसी तरह बुधवार की पौ फटने से पहले संगम जाने वाले हर मार्गों पर आस्था का जन सागर उफनाने लगा। शाम चार बजे तक 5.71 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। रात 12 बजे के बाद मौनी अमावस्या की डुबकी लगनी शुरू हो गई थी।
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान बुधवार को नए शिखर पर पहुंच गया। मौनी अमावस्या को शाम 4:00 बजे तक करीब 5.71 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई। इसके साथ ही, महाकुम्भ में अब तक करीब 20 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। योगी सरकार का अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ और पूरे महाकुम्भ में 45 करोड़ से ज्यादा स्नान करेंगे। वहीं प्रयागराज प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

महाकुम्भ 2025 के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर बुधवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे अखाड़ों के साधु, संतों, नागाओं और श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने भी जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।
