
लखनऊ। प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत 2027 की संकल्पना के अनुरूप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सलय के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण और बाल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल की है।
इस संबंध में दिनांक 03 अक्टूबर 2024 को प्रदेश के सभी महिला एवं बाल विकास विभागों के मंत्रीगणों के साथ एक उच्च स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग की योजनाओं का विजन और परिकल्पना प्रस्तुत की गई।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्रालय, उत्तर प्रदेश की मंत्री बेबी रानी मौर्या, अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी, निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार सरनीत कौर ब्रोका तथा अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
वीसी के दौरान मंत्री बेबी रानी मौर्या ने प्रदेश में महिला कल्याण और बाल विकास की उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन करते हुए विकसित भारत 2047 के लिए विभाग के विजन और सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने बच्चों के विकास की निगरानी के लिए डिजिटल तकनीक के माध्यम से वजन, लंबाई और ऊंचाई मापन, गरम भोजन में विविधता और फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली, स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभागों की डेटा प्रणाली का एकीकरण और लक्षित लाभार्थियों के लिए आहार विविधता सुनिश्चित करने जैसे कदमों पर जोर दिया। साथ ही लाभार्थियों को ऑनलाइन परामर्श और शाला पूर्व शिक्षा (ईसीसीई) के डिजिटलीकरण का भी प्रस्ताव रखा गया।आंगनबाड़ी केंद्रों की संचालन अवधि का विस्तार, सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या में वृद्धि और आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण हेतु धनराशि बढ़ाने की योजना भी वीसी में प्रस्तुत की गई।
मंत्री बेबी रानी मौर्या ने विभाग की प्रमुख उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गम्भीर कुपोषित बच्चों के लिए ‘संभव अभियान’ के तहत पिछले पांच वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और 12 लाख बच्चों को उपचार देकर सामान्य स्थिति में लाया गया। जुलाई से अक्टूबर 2025 तक अभियान का पांचवां चरण चल रहा है।
मानव संसाधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं। जिलेवार कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति और पदोन्नति पूर्ण की गई है। 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और 3,000 से अधिक सहायिकाओं की नियुक्ति और पदोन्नति की गई, जबकि 2,425 मुख्य सेविकाओं का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पारदर्शिता के साथ किया गया। 197 मुख्य सेविकाओं को बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया।
सरकार ने 22,290 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित किया है, जिससे कार्यकत्रियों को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। इसके साथ ही 20,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जिनमें स्मार्ट टीवी, आरओ वाटर प्यूरिफायर, फर्नीचर, बाल शिक्षा सामग्री, वर्षा जल संचयन और बाल चित्रकला जैसी सुविधाएं शामिल हैं।इस पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार ने न केवल बच्चों के समग्र विकास और पोषण को सशक्त किया है, बल्कि महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मान, सुरक्षा और रोजगार सृजन के माध्यम से सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।