
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने कल मत्स्य निदेशालय में विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लाभार्थी चयन प्रक्रिया, भुगतान कार्य और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखते हुए समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कहीं भी शिकायतें प्राप्त होती हैं तो उनका तत्काल निराकरण किया जाए।
डा. निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और अन्य योजनाओं में सभी धनराशियों का शत-प्रतिशत व्यय सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर प्राथमिक समितियों के गठन की प्रक्रिया को सरल और तेज किया जाए। मंत्री ने स्थानीय मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण हेतु रिवर रैंचिंग की कार्यवाही समस्त नदियों में करने का निर्देश भी दिया। इसके अलावा, ग्राम समाज के तालाबों और नदियों की नीलामी की कार्यवाही अगले एक माह के भीतर की जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं के लक्ष्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, उन्हें हर हाल में फरवरी तक पूर्ण किया जाए। प्रदेश की मत्स्य उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से उ.प्र. मत्स्य विकास निगम और उ.प्र. मत्स्य जीवी सहकारी संघ लिमिटेड में हस्तांतरित विभागीय परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण कराते हुए तत्काल कार्य प्रारंभ किया जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव के रविन्द्र नायक ने विभागीय योजनाओं की प्रगति पर जानकारी दी और जनपद स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाए और शिकायतों का समाधान तुरंत किया जाए। बैठक में निदेशक एम.एस. रहमानी, मुख्य महाप्रबंधक उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम, प्रदेश के समस्त उपनिदेशक, सहायक निदेशक मत्स्य और अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
———————————