बस्ती। लालगंज थाना क्षेत्र के थरौली ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान पार्वती देवी ने आरोप लगाया है कि वह अनुसूचित जाति से हैं और बीते दिनों सुनील पांडेय की डेयरी से भोजन कर लौट रही थीं। जैसे ही वह तालाब के किनारे पहुंचे, उन्होंने रास्ता देखने के लिए मोबाइल की रोशनी जलाई, तभी पहले से घात लगाए गांव के राकेश कुमार यादव पुत्र रामस्वारथ ने जान से मारने की नीयत से उन पर हमला कर दिया। मारपीट के दौरान वह जमीन पर गिर गईं।
गिरने के बाद झाड़ियों में छिपे अन्य लोग—आशुतोष शुक्ला पुत्र चंद्रप्रकाश, सत्यराम पुत्र अगनू, विजय कुमार शुक्ला पुत्र हरिश्चंद्र, विनयदेव शुक्ला पुत्र शिवप्रसाद, विशाल पुत्र विनयदेव, और अभयदेव शुक्ल पुत्र सूर्यदेव बाहर निकल आए। उन्होंने ललकारते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट शुरू कर दी और कहा कि “इसकी हत्या कर दो ताकि यह प्रधानी का चुनाव न लड़ सके।”
पीड़िता का आरोप है कि हमलावरों ने कहा कि वह विकास कार्यों में सहयोग नहीं करती और मनरेगा के पैसों में हिस्सा नहीं देती। आरोप है कि मारपीट करते हुए जबरन एक सादे स्टाम्प पेपर पर उससे हस्ताक्षर भी करवा लिया गया।
पीड़िता के शोर मचाने पर मनीष कुमार पांडेय पुत्र परमात्मा प्रसाद पांडेय सहित अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव किया। हमलावर जाते समय जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। गंभीर मारपीट के कारण प्रधान बेहोश हो गईं।
घटना की सूचना पीड़िता ने तत्काल थाने पर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की, किंतु वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। अंततः पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके आदेश पर लालगंज पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में सात नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
