
बस्ती। सऊदी अरब से रुपये मंगाने के खेल का असली पर्दाफाश अब तक पुलिस नहीं कर पाई है। अब तक सिर्फ यही पता चला है कि विदेश में बैठा एक बांग्लादेश का नागरिक यह सारा खेल कर रहा है।
इसके पीछे की कहानी अभी तक बाहर नहीं आ पाया कि 30 प्रतिशत तक कमीशन देने वाले इस खेल के पीछे वजह क्या है। केस दर्ज करने से लेकर अब तक पुलिस 17 संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है।
मास्टरमाइंड मल्लू सहित तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालिया जानकारी मिली है कि मल्लू के संपर्क में एक ऐसा शख्स भी था, जिसका दुबई में कार्यालय है। उस कार्यालय से यहां के बेरोजगारों को वीजा दिलाने का धंधा होता है। लखनऊ में रहने वाला एक ओला ड्राइवर और एक बर्खास्त सिपाही भी इस नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है।
हालांकि पुलिस उसके असली मकसद का खुलासा नहीं कर पाई है। यहां तक कि कंबोडिया में क्या सीखकर आया और उसे कहां इस्तेमाल किया, इसका पता लगाने में पुलिस नाकाम है। माना जा रहा है कि मल्लू के मोबाइल की फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आने के बाद आगे के कनेक्शन का खुलासा हो पाएगा।
अब तक की जांच में पुलिस महज इतना पता लगा पाई है कि बांग्लादेश का एक नागरिक सउदी अरब में बैठकर वाल्टरगंज थाने के पिपरा जप्ती निवासी हीरालाल उर्फ मल्लू के जरिए दूसरों के खाते में लाखों रुपये भेजता था। मल्लू उसे उन खातों का नंबर मुहैया कराता था, जिसमें सऊदी अरब से लाखों रुपये भेजे जाते थे। मल्लू का काम था कि जिसके खाते में वह रुपये भेजे गए होते थे, उसे कमीशन देकर ले लेता था। इसके बाद अपना कमीशन काटकर सऊदी अरब के बांग्लादेशी नागरिक के बताए खाते में वापस भेज देता था। इस लेनदेन के पीछे का असली खेल पुलिस अब तक नहीं समझ पाई।