
लखनऊ: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण प्री-ट्रायल बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक पुराना उच्च न्यायालय स्थित मीडिएशन सेंटर, लखनऊ में संपन्न हुई।
बैठक का उद्देश्य 10 मई 2025 को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना था।बैठक की अध्यक्षता विशेष न्यायाधीश सीबीआई सेंट्रल/नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत ने की। बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ और जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया।
इस अवसर पर अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), अपर नगर आयुक्त, उप मुख्य चिकित्साधिकारी सहित 30 विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिला प्रोबेशन विभाग, ऊर्जा विभाग, श्रम, पंचायती राज, ग्रामीण विकास प्राधिकरण, दिव्यांगजन कल्याण, महिला कल्याण, खाद्य, राजस्व, सिंचाई, कृषि, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, अल्पसंख्यक कल्याण, नगर निगम, आयुष, जल निगम, उद्यान, बचत, लोक निर्माण, विद्युत, समाज कल्याण, सेवा योजना, युवा कल्याण, बेसिक शिक्षा, लखनऊ विकास प्राधिकरण, क्रीड़ा और सूचना विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में विभिन्न विभागों में लंबित वादों की समीक्षा की गई और आगामी लोक अदालत के लिए अधिक से अधिक वादों को चिन्हित करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही, राष्ट्रीय लोक अदालत के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
नोडल अधिकारी ने बताया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य विवादों के आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से त्वरित निस्तारण के लिए एक वैकल्पिक मंच प्रदान करना है। लोक अदालत द्वारा पारित निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होते हैं, जिनके खिलाफ कोई अपील नहीं होती। लोक अदालत की प्रक्रिया सरल, सुलभ और पक्षकारों की आपसी सहमति पर आधारित होती है।