
•चार हेक्टेयर क्षेत्र में होगी ब्रीडर सीड की खेती, अगले खरीफ तक तैयार होंगे 50 क्विंटल प्रमाणित बीज
बस्ती। अब बस्ती जिले के किसान अपने ही जिले में शोधित और प्रमाणिक पूसा नरेन्द्र कालानमक धान के बीज का लाभ उठा सकेंगे। कृषि विभाग की देखरेख में ब्रीडर सीड उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अगले खरीफ सीजन में लगभग 50 क्विंटल प्रमाणिक बीज किसानों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
जिला कृषि अधिकारी डा. बी.आर. मौर्या ने जानकारी दी कि हर्रैया तहसील के अमरडीहा कृषि प्रक्षेत्र में 3 हेक्टेयर और भानुपर तहसील के सिसई कृषि प्रक्षेत्र में 1 हेक्टेयर भूमि पर पूसा नरेन्द्र कालानमक की खेती की जाएगी। इन खेतों में उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार कर किसानों को वितरित किए जाएंगे।
बीज शोधन से बढ़ेगा उत्पादन
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, उन्नतशील और प्रमाणित बीजों का चयन और उनका शोधन अच्छी फसल उत्पादन की कुंजी है। शोधित बीजों के प्रयोग से न केवल अंकुरण बेहतर होता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। इससे पौधों के रोगग्रस्त होने की संभावना घटती है।
वर्तमान में जिले के करीब तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही कालानमक धान की खेती होती है। लेकिन जब किसानों को स्थानीय स्तर पर प्रमाणित बीज मिलेंगे, तो उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होगा।
नर्सरी का समय प्रारंभ, किसानों को मिल रही सुविधाएं
जिले के लगभग पांच लाख किसानों में से डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती होती है। वर्तमान में कई किसान निजी संसाधनों की सहायता से नर्सरी डाल चुके हैं और शेष खेत की तैयारी में जुटे हैं। कृषि विभाग ने नर्सरी के लिए बीज, खाद और अन्य आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था समय से कर ली है।
डा. मौर्या ने अपील की कि किसान प्रमाणित और शोधित बीजों का ही प्रयोग करें और नर्सरी की प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से अपनाएं, ताकि आगामी सीजन में बेहतर उत्पादन और आय सुनिश्चित हो सके।