लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने आगामी वर्ष 6 दिसंबर, 2026 को समाप्त होने वाले विधान परिषद के पांच स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों और छह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के सदस्यों के कार्यकाल के मद्देनजर इन निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कराने का निर्णय लिया है। अर्हता तिथि 1 नवम्बर, 2025 को निर्धारित किया गया है और पुनरीक्षण कार्यक्रम 30 सितंबर, 2025 से प्रारंभ होगा। इस निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर, 2025 को किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की रिक्त सीटों में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद-झांसी शामिल हैं। शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की रिक्त सीटों में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद शामिल हैं। सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए 30 सितंबर को सार्वजनिक नोटिस जारी होगा। 15 अक्टूबर को समाचार पत्रों में इसका प्रथम पुनर्प्रकाशन और 25 अक्टूबर को द्वितीय पुनर्प्रकाशन किया जाएगा।
फार्म 18 या 19 में आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 6 नवंबर है। 20 नवंबर को पांडुलिपियों की तैयारी और निर्वाचन नामावलियों का मुद्रण होगा। निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन 25 नवंबर को होगा। दावें-आपत्तियां 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक दाखिल की जा सकेंगी और 25 दिसंबर तक उनका निस्तारण कर अनुपूरक सूची तैयार की जाएगी।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित करने के लिए आवेदक को अर्हता तिथि से कम से कम तीन वर्ष पूर्व स्नातक होना आवश्यक है। शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन हेतु आवेदक को 1 नवम्बर अर्हता तिथि से पहले राज्य के माध्यमिक स्तर के शैक्षिक संस्थानों में पिछले छह वर्षों में तीन वर्ष का शिक्षण कार्य किया होना चाहिए।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों का विस्तार इस प्रकार है: लखनऊ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में लखनऊ, हरदोई, खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और प्रतापगढ़; वाराणसी में बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर और सोनभद्र; आगरा में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, औरैया, फर्रुखाबाद और कासगंज; मेरठ में बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली और हापुड़; इलाहाबाद-झांसी में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर शामिल हैं।शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों का विस्तार इस प्रकार है: लखनऊ में लखनऊ, हरदोई, खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और प्रतापगढ़; वाराणसी में बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर और सोनभद्र; आगरा में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, औरैया, फर्रुखाबाद और कासगंज; मेरठ में बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली और हापुड़; बरेली-मुरादाबाद में बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर और संभल; गोरखपुर-फैजाबाद में बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, सुल्तानपुर, अयोध्या, अमेठी और अंबेडकर नगर।
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए लखनऊ का रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मंडलायुक्त लखनऊ, मेरठ के लिए मंडलायुक्त मेरठ, आगरा के लिए मंडलायुक्त आगरा, वाराणसी के लिए मंडलायुक्त वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी के लिए मंडलायुक्त झांसी होंगे। शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए लखनऊ मंडलायुक्त लखनऊ, मेरठ मंडलायुक्त मेरठ, आगरा मंडलायुक्त आगरा, वाराणसी मंडलायुक्त वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद मंडलायुक्त बरेली और गोरखपुर-फैजाबाद मंडलायुक्त गोरखपुर होंगे। संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी अपने निर्वाचन क्षेत्र के सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
———————-
