
रिपोर्ट – सौरभ पाठक
इगलास(अलीगढ़)। शिक्षा विभाग द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों के विलय के निर्णय से समाज में भारी असंतोष व्याप्त है। इसी के विरोध में डी.एल.एड. संयुक्त प्रशिक्षु संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को एक अत्यंत संवेदनशील व जनभावनाओं से जुड़ा ज्ञापन प्रेषित किया है।
ज्ञापन में उन्होंने जनपद अलीगढ़ के ब्लॉक इगलास अंतर्गत ग्राम पंचायत भरतपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय नगला हरिकरना को प्रस्तावित मर्ज-विलय सूची से तत्काल बाहर करने की मांग की है।
धर्मेन्द्र चौधरी ने ज्ञापन में कहा है कि नगला हरिकरना विद्यालय न केवल दूरदराज क्षेत्र में निवासरत गरीब ग्रामीण बच्चों के लिए शिक्षा का एकमात्र केंद्र है, बल्कि यह वर्षों से शिक्षा की लौ जलाए हुए है। यहाँ के बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आते हैं, शिक्षक पूरी निष्ठा और मनोयोग से अध्यापन कार्य करते हैं तथा गांव में शिक्षा के प्रति सकारात्मक वातावरण बना हुआ है।
गांव से प्रस्तावित विलयन विद्यालय की दूरी लगभग 3 से 4 किलोमीटर है, जहां तक छोटे बच्चों का पैदल जाना अत्यंत कठिन है। यह न केवल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 3 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21(क) के विपरीत है, बल्कि बाल अधिकारों का स्पष्ट हनन भी है।
विद्यालय प्रबंधन समिति, ग्राम प्रधान, कोटेदार, अभिभावकगण एवं समस्त ग्रामीण समाज इस निर्णय से आहत हैं तथा विरोध में खड़े हैं।
धर्मेन्द्र चौधरी ने चेतावनी दी है कि यदि इस विद्यालय को मर्ज-विलय सूची से बाहर नहीं किया गया तो गांव के सैकड़ों अभिभावक, शिक्षक एवं ग्रामीणजन लोकतांत्रिक तरीके से सड़कों पर उतरने को विवश होंगे और व्यापक आंदोलन किया जाएगा।