
मणिपुर। मणिपुर में जातीय हिंसा को देखते हुए इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास के बाहर भी सुरक्षा कड़ी है। इंफाल घाटी में गुस्साई प्रदर्शनकारियों को देखते सुरक्षा कड़ी की गई है, जिसने 16 नवंबर की रात विभिन्न जिलों में 3 भाजपा विधायकों और कांग्रेस विधायक के आवासों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर धावा बोला था, लेकिन सुरक्षा बलों ने कोशिश नाकाम कर दी।
मणिपुर में हिंसा के लगातार बढ़ने के कारण सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ी तैनात किए जाने की संभावना है।खबरों के मुताबिक, घाटी पर विशेष ध्यान देने के साथ कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में समान रूप से केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल की कंपनियां तैनात की जाएंगी।दूसरी तरफ मणिपुर हिंसा से जुड़े 3 मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मणिपुर पुलिस से अपने हाथ में ले लिया है।
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा जारी है, जो पिछले हफ्ते शनिवार को जिरीबाम जिले की बराक नदी से 6 विस्थापितों के शव मिलने के बाद बढ़ गई।प्रदर्शनकारियों ने 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागने पड़े।इसके बाद 3 जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ 5 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी।
००