
✍️ के.के. मिश्रा, संवाददाता।
संत कबीर नगर। नाथनगर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत भोगीपुर में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों का सोशल ऑडिट टीम ने दो दिवसीय स्थलीय व भौतिक सत्यापन किया। इसके उपरांत खुली बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें टीम द्वारा ग्रामवासियों के समक्ष जांच में सामने आए बिंदुओं को प्रस्तुत किया गया।
सोशल ऑडिट टीम के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर देवेंद्र तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायत में 19 परियोजनाओं के अंतर्गत कार्य कराए गए, जिनमें से दो इंटरलॉकिंग कार्य तथा 17 अन्य पक्के कार्य शामिल हैं। किंतु किसी भी परियोजना स्थल पर CIB बोर्ड (कार्य योजना बोर्ड) नहीं लगाए गए थे, जो कि एक गंभीर अनियमितता है। इसके साथ ही अन्य मुख्य अनियमितताएँ भी देखने को मिला जिसमें – आधा दर्जन से अधिक जॉब कार्ड डबल नाम पर पाए गए। इंटरलॉकिंग कार्यों की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई। CIB बोर्ड का पूर्णतः अभाव रहा। ग्राम प्रधान के अभिलेख अपूर्ण पाए गए। ग्राम पंचायत अधिकारी व तकनीकी सहायक मौके पर उपस्थित नहीं थे। ग्रामीणों ने प्रधान प्रतिनिधि के कार्यों से असंतोष जताया।
ग्रामीणों ने बताया कि कार्यों की गुणवत्ता बेहद खराब है तथा कई लोग मनरेगा के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी से कम भुगतान की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने मजदूरी समय से न मिलने की भी बात कही और मांग की कि सोशल ऑडिट टीम इस विषय में शासन को अवगत कराए।
बैठक के दौरान कुछ ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि कहीं न कहीं दबाव का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने दबे स्वर में यह आरोप लगाया कि अधिकांश गड़बड़ियाँ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की लापरवाही व मनमानी का परिणाम हैं।
खुली बैठक में ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे, तथा ऑडिट टीम द्वारा नामित अध्यक्ष का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया। जांच में पाई गई अनियमितताओं के आधार पर संबंधित अधिकारियों द्वारा रिकवरी की कार्यवाही तय मानी जा रही है।