
प्रयागराज। राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025-26 का आयोजन 13 अक्टूबर 2025 को सेंट एन्थोनी कान्वेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, प्रयागराज में किया जा रहा है। इस आयोजन में 18 मंडलों से चयनित कुल 426 विद्यार्थियों के भाग लेने की संभावना है, जिनमें 289 बालिकाएँ, 137 बालक और 3 दिव्यांग विद्यार्थी शामिल हैं। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर के कला उत्सव में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि इस वर्ष समग्र शिक्षा अभियान के तहत कला उत्सव के आयोजन के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश को कुल 14 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। इसमें से 9.30 लाख रुपए जनपद और मंडल स्तर के आयोजनों के लिए तथा 4.23 लाख रुपए राज्य स्तरीय आयोजन हेतु प्रयागराज को भेजे गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता चार चरणों—जिला, मंडल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जा रही है। जिला स्तर पर 75 जनपदों के 1852 विद्यालयों के 10,692 विद्यार्थियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिनमें 8231 बालिकाएँ, 2461 बालक और 36 दिव्यांग विद्यार्थी शामिल थे। मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएँ 20 सितम्बर 2025 तक संपन्न कराई गई थीं।
कला उत्सव 2015 से भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा में कला के माध्यम से विद्यार्थियों की रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 और नई शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप आयोजित किया जाता है।
इस वर्ष कला उत्सव की विषयवस्तु “विकसित भारत – वर्ष 2047 के भारत की परिकल्पना” निर्धारित की गई है।प्रतियोगिता की संरचना में इस वर्ष सुधार करते हुए कला विधाओं की संख्या 6 से बढ़ाकर 12 की गई है, ताकि एकल और समूह दोनों श्रेणियों के प्रतिभागियों को समान अवसर मिल सकें। इसमें संगीत (गायन और वादन), नृत्य (शास्त्रीय और लोक), नाटक, दृश्यकला (द्वि-आयामी और त्रि-आयामी) और पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विधाएँ शामिल हैं।
प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12 तक के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया है। पिछले वर्षों के विजेताओं को इस वर्ष भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे नए प्रतिभागियों को बेहतर अवसर मिल सकें।
इस आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार विद्यालयी शिक्षा में रचनात्मकता, सहभागीता और विद्यार्थियों में कला के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ-साथ समावेशी शिक्षा को भी प्रोत्साहित कर रही है।