लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 का आयोजन मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए लगभग 1500 किसान प्रत्यक्ष संवाद में शामिल हुए और अपने नवाचारी कृषि अनुभव साझा किए। साथ ही आगामी रबी सीजन के लिए सरकार द्वारा तैयार की गई रणनीतियों से भी किसानों को अवगत कराया गया।
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि इस वर्ष किसानों को गत वर्ष की तुलना में अधिक खाद उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के न्यूनतम उपयोग का आग्रह किया। वहीं, दूरस्थ खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए सोलर ऊर्जा की व्यवस्था की गई है।
गोष्ठी के अध्यक्ष एवं कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नौ अलग-अलग क्लाइमेट जोन हैं और हर क्षेत्र के किसानों की आवश्यकताओं में भिन्नता है। प्रदेश सरकार तकनीक, नवाचार और बीज से लेकर बाजार तक किसानों का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य संस्करण बीएल मीणा ने कहा कि परंपरागत खेती के साथ-साथ औद्यानिक फसलों के उत्पादन से किसानों को अधिक लाभ हो रहा है। उन्होंने उवप्रव खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने के लिए अनुदान देने की जानकारी दी।
प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र ने किसानों को गेहूं, सरसों, चना, मसूर और गन्ने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था से अवगत कराया और बताया कि उर्द और अरहर की खरीद के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को शत-प्रतिशत उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं और उनकी आय बढ़ाने के लिए उन्हें कृषि उत्पादों पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग से जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कृषि को लाभदायक और धारणीय बनाने के लिए पशुपालन को समान महत्व देने पर जोर दिया। कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी ने कहा कि बीज और खाद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है और किसानों को रबी बुवाई में किसी निवेश की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को मृदा स्वास्थ्य हेतु किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
गोष्ठी के तकनीकी सत्र में विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के वैज्ञानिकों ने गेहूं, सब्जी की खेती, प्राकृतिक खेती और यंत्रों द्वारा खेती के विषय में विस्तृत जानकारी किसानों को दी। इस अवसर पर लखनऊ मंडल के उत्कृष्ट किसानों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आयुक्त एवं निबन्धक सहकारिता योगेश कुमार, आयुक्त लखनऊ मंडल विजय विश्वास पंत, निदेशक पशुपालन, मंडी एवं कृषि निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी, और प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए लगभग 1500 किसान शामिल हुए। इस गोष्ठी ने किसानों को तकनीकी ज्ञान और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
