
•पांच महिलाओं से शुरू हुआ संगठन बना प्रेरणा का वटवृक्ष।
‘मॉडर्न बहू’, ‘चल सन्यासी’ जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को किया भावविभोर।
रिपोर्ट : अभिनव अग्रवाल।
नजीबाबाद। नगर की माहेश्वरी धर्मशाला में महिला सेवा संगठन का 50वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। संगठन की महिलाओं ने बताया संगठन की नींव, आज से 50 वर्ष पूर्व पांच महिलाओं ने मिलकर डाली थी, जो की आज एक वट वृक्ष का रूप ले चुकी है, संगठन की सभी महिलाओं ने मिलकर बहुत सुंदर तरीके से कार्यक्रम को सुसज्जित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती सरोज अग्रवाल श्रीमती माया रंधर रहीं। डॉक्टर वर्षा विशाल अग्रवाल के संचालन में यह कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन की पदाधिकारीयों द्वारा मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसके पश्चात अतिथियों का गर्म जोशी के साथ माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत व सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, उसके पश्चात स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में महिलाओं की प्रस्तुतियां देखकर कोई नहीं कह सकता था की उम्र किसी जज्बात को कम कर सकती है। सरस्वती वंदना, लोकगीत अपने-अपने पिया पर सबको बड़ा नाज है, नाटक- पोते की समझदारी। गजल, भजन, नृत्य नाटिका- चल सन्यासी, लोकगीत – मॉडर्न बहू , सखियों की जुगलबंदी – लघु नाटिका और संस्मरण जो श्रीमती सरोज अग्रवाल ने सभी के साथ साझा किया और बताया कि किस प्रकार से इस संगठन की नींव डाली गई।
संगठन की नींव डालने में जो पांच महिलाएं थी वह थी श्रीमती सरोज अग्रवाल, श्रीमती माया रंधर, स्वर्गीय श्रीमती लीलावती लाहोटी, स्वर्गीय श्रीमती सुषमा लाहोटी, स्वर्गीय श्रीमती कृष्णा माहेश्वरी आदि महिलाओं ने मिलकर घर से बाहर निकल कर समाज की महिलाओं के लिए एक सुखद पहल की थी। ऊषा महेश्वरी जी ने पिछले 50 वर्षों का लेखा-जोखा सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। किस प्रकार कहां-कहां कैसे-कैसे कम दर कदम साल दर साल संगठन ने शैशवावस्था से आज प्रौढ अवस्था तक का सफर तय किया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष श्रीमती स्नेह लता अग्रवाल, सचिव श्रीमती उषा अशोक माहेश्वरी, वर्षा अग्रवाल, रमा शुक्ला अर्चना जाखेटिया, पूनम अग्रवाल, बबीता तायल, उर्मिला अग्रवाल, इंदू नरेश, तनु गोयल, सुरेखा मित्तल, रमा अग्रवाल, अमिता अरोड़ा, मालती वैश्य, स्नेह लता अग्रवाल, सुमन मिश्रा, नेहा अग्रवाल और महिलाओं का सहयोग रहा। सभी महिलाओं ने अपने परिवार सहित सहभोज किया।