
कानपुर। नौबस्ता थाने में तैनात उपनिरीक्षक (दरोगा) अभिनव चौधरी को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दरोगा ने एक युवक से नामजद व्यक्ति का नाम एफआईआर से हटाने व सुलह समझौता कराने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता युवक ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर पूरे मामले की सूचना दी। टीम ने योजना बनाकर नोटों पर फिनोप्थलीन पाउडर लगाया और श्रीराम चौराहा यशोदा नगर से निगरानी के बाद दरोगा अभिनव चौधरी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद टीम ने सभी जरूरी कानूनी कार्रवाई पूरी की और संबंधित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी।
निलंबन की कार्रवाई:
एंटी करप्शन टीम की रिपोर्ट प्राप्त होते ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दरोगा अभिनव चौधरी को निलंबित कर दिया है। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पहले भी रह चुका है विवादों में:
यह पहली बार नहीं है जब दरोगा अभिनव चौधरी चर्चा में आया हो। सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष वह गैंगस्टर गोपाल सचान की पत्नी से संदिग्ध नज़दीकियों को लेकर भी विवादों में घिरा था। उस समय भी विभागीय जांच की मांग उठी थी, हालांकि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। स्थानीय जनता व पुलिस महकमे में इस गिरफ्तारी को लेकर तीखी चर्चाएं हैं और सवाल उठाए जा रहे हैं कि ऐसे अधिकारी अभी तक सेवा में कैसे बने रहे।