
•इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा घोषित फिल्म वुओन थिन इयु – प्रेम की सुरधारा, 14 फरवरी 2026 को हिंदी और वियतनामी में होगी रिलीज, वैश्विक स्तर पर पेश करेगी सांस्कृतिक एकता की मिसाल।
नई दिल्ली। भारत और वियतनाम की गहराती सांस्कृतिक साझेदारी को सिनेमा के ज़रिए एक नया आयाम देने जा रही है इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स(IBR)। संस्था ने वुओन थिन इयु(Vuon Thinh Ieu) – प्रेम की सुरधारा (नामक अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म की घोषणा की, जो दुनिया की पहली ऐसी फिल्म होगी जो भारत-वियतनाम सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित होगी।यह ऐतिहासिक घोषणा नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई, जिसमें भारत और वियतनाम के प्रमुख सांस्कृतिक प्रतिनिधियों, अधिकारियों और कलाकारों ने भाग लिया।
इस अवसर पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रबंध संपादक श्रीमती नीरजा रॉय चौधरी ने फिल्म निर्माण की औपचारिक घोषणा की। समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे। प्रो. चू बाओ क्वे, अध्यक्ष – नीति और विकास परामर्श परिषद, वियतनाम फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशंस(VFUA)। त्रुआंग क्वांग हय , निदेशक – संस्कृति, खेल व पर्यटन विभाग, बक निन्ह प्रांत, वियतनाम।
डॉ. गुयेन होआंग आन्ह (जूलिया गुयेन)* , उपाध्यक्ष – वियतनाम रिकॉर्ड्स संगठन, और महासचिव – वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन (WorldKings))। भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और बढ़ाया।
इनमें संचिता कुलकर्णी, किशोरी शहाणे, विमल मिश्रा, बिस्वदीप रॉय चौधरी और सितारे ज़मीन पर फेम गोपी कृष्णन वर्मा प्रमुख थे।
यह फिल्म ‘द गार्जियन ऑफ हेरिटेज’ नामक पुस्तक से प्रेरित है, और 7वीं सदी की चाम सभ्यता के ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत करेगी। फिल्म में भारत और वियतनाम की समृद्ध कलाओं, संगीत और सांस्कृतिक मूल्यों को खूबसूरती से पिरोया जाएगा।
फिल्म की शूटिंग भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों पर की जाएगी। प्री-प्रोडक्शन कार्य 19 जून 2025 को हनोई में प्रारंभ हो चुका है।
फिल्म का वैश्विक प्रीमियर 14 फरवरी 2026 को हिंदी और वियतनामी भाषाओं में होगा, जिसके बाद यह प्रमुख ओटीटी प्लेटफार्मों पर अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। फिल्म में IBR द्वारा सम्मानित कई रिकॉर्ड धारकों का भी योगदान रहेगा, जो सांस्कृतिक संरक्षण और संगीत के क्षेत्र में अपनी विशिष्टता के लिए पहचाने जाते हैं। यह परियोजना भारत-वियतनाम सांस्कृतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।