
•ज़ीरो टीले से चल रही वसूली की स्क्रिप्ट, प्रधानों में आक्रोश।
रिपोर्ट: के.के. मिश्रा, संवाददाता।
संतकबीरनगर। विकास भवन में तैनात एक अधिकारी और उसके लिपिक की कार्यशैली इन दिनों पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। सचिवों से लेकर ग्राम प्रधानों तक सभी इस प्रणाली से परेशान हैं। जहां कई ग्राम प्रधानों में आक्रोश पनप रहा है, वहीं ‘रसूखदार साहब’ पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। बताया जा रहा है कि उक्त अधिकारी अपने कार्यालय के एक लिपिक के माध्यम से गांव-गांव वसूली करा रहा है।
चर्चाओं में बना यह लिपिक इन दिनों ‘ज़ीरो टीले’ पर वसूली में व्यस्त है। ग्राम चौपाल के आयोजन के नाम पर सचिवों को फोन कर उनसे धनराशि की मांग की जा रही है। कई गांवों से वसूली की राशि कथित तौर पर पहुंच भी गई है। यह मांग उन ग्राम पंचायतों से की जा रही है, जहां निकट भविष्य में ग्राम चौपाल का आयोजन प्रस्तावित है।
सूत्रों के अनुसार, जिले की 198 ग्राम पंचायतों में 4 जुलाई 2025 से 25 सितंबर 2025 तक हर शुक्रवार को ग्राम चौपाल आयोजित की जा रही है। प्रत्येक शुक्रवार को एक ब्लॉक की दो ग्राम पंचायतों में यह आयोजन होना तय है। अभी तक 72 पंचायतों में चौपाल आयोजित हो चुकी है, जबकि आगामी 1 अगस्त को नौ ब्लॉकों की 18 पंचायतों में यह कार्यक्रम होना है।
ग्राम चौपाल का उद्देश्य
ग्राम चौपाल का मूल उद्देश्य गांव-गांव जाकर जनता की समस्याएं सुनना, योजनाओं की समीक्षा करना और पात्रों को उनका लाभ दिलाना है। लेकिन कार्यक्रम के नाम पर हो रही कथित वसूली इस उद्देश्य को कठघरे में खड़ा कर रही है।
10 से 50 हजार तक की हो रही डिमांड
जानकारी के अनुसार, संबंधित लिपिक द्वारा सचिवों को फोन कर 10,000 से 50,000 रुपये तक की मांग की जा रही है। उत्तरांचल क्षेत्र के एक ब्लॉक के सचिव ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सभी सचिवों को विकास भवन से फोन आ रहा है, जिसमें अधिकारी का हवाला देकर पैसों की डिमांड की जा रही है। यह चर्चा अब विकास भवन में भी आम हो गई है, और अधिकारी-कर्मचारी दबी जुबान में इस गठजोड़ की बातें कर रहे हैं।
कौन है पर्दे के पीछे की स्क्रिप्ट का लेखक?
सवाल यह उठता है कि आखिर पर्दे के पीछे वह कौन है, जो इस भ्रष्ट तंत्र की स्क्रिप्ट लिख रहा है और संबंधित बाबू को संरक्षण दे रहा है? वह कौन अधिकारी है जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है, और अपने अधीनस्थ कर्मचारी को भ्रष्टाचार में लिप्त होने से रोकने के बजाय उसे बचा रहा है?
जिला प्रशासन का बयान
इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन ने कहा है कि ग्राम चौपाल आयोजन के नाम पर यदि किसी से धन की मांग की जा रही है, तो यह अत्यंत गंभीर विषय है। अभी तक ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन यदि किसी को ऐसी समस्या हुई है तो वह तत्काल शिकायत करें। दोषियों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।